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आर्थिक मंदी के बीच कोर सेक्टर ने दी सरकार को खुशखबरी

कोरोना महामारी के चलते आर्थिक मंदी के बीच फरवरी 2020 में आठ प्रमुख उद्योगों वाले कोर सेक्टर की ग्रोथ वर्तमान में उच्च स्तर तक पहुंच गई है। यह बढ़त सरकार के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जहां कोरोना जैसी भयानक और जानलेवा महामारी के चलते चारों तरफ से बुरी खबरें सुनने में आ रही हैं। यह समय भारत की सरकार का भी बहुत कठिन बीत रहा है। वहीं, इन सब के बीच सरकार के लिए एक खुशी की खबर सामने आई है। दरअसल, फरवरी 2020 में आठ प्रमुख उद्योगों वाले कोर सेक्टर की ग्रोथ वर्तमान में उच्च स्तर तक पहुंच गई है। यह बढ़त सरकार के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है।

कोर सेक्टर की ग्रोथ :

बता दें, फरवरी में आठ प्रमुख उद्योगों वाले को सेक्टर की ग्रोथ पिछले 11 महीने के उच्च स्तर तक पहुंच गई है। उद्योगों की ग्रोथ में 5.5% की वृद्धि हुई है। भारत में यह आंकड़ा फरवरी में था। जबकि, जनवरी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 4 सेक्टर के उत्पादन में जनवरी में मात्र 2.2% की बढ़त दर्ज की गई थी। यदि पिछले साथ की बात की जाए तो साल 2019 की फरवरी में कोर सेक्टर में 2.2% की बढ़त दर्ज की गई थी। वहीं, रिफाइनरी उत्पादों और इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन पर नजर डालें तो, प्रमुख वृद्धि कोर सेक्टर में ही दर्ज की गई थी।

वहीं, साल 2019 के अंतिम माह यानी दिसंबर 2019 में कोर सेक्टर के उत्पादन में काफी गिरावट देखी गई थी। इतना ही नहीं दिसंबर में देश की अर्थव्यवस्था पर भी इस गिरावट का काफी बुरा असर पड़ा था। इसके अलावा यह गिरावट आठ उद्योगों के उत्पादन में लगातार चौथे महीने की गिरावट थी।

जनवरी से दर्ज की गई बढ़त :

बताते चलें, आठ उद्योगों के उत्पादन वाले कोर सेक्टर में साल 2020 की जनवरी से बढ़त दर्द होना शुरू हो गई थी। वहीं, जनवरी में 2.2% की बढ़त दर्ज की गई थी इसके अलावा कोर सेक्टर के आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर्स, स्टील सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी को शामिल किया गया है। इसके अलावा देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में आठ कोर इंडस्ट्रीज का वेटेज 40.27% रहता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो, उनके अनुसार, वित्त वर्ष 2019 की पहली छमाही में कोर सेक्टर को घाटा झेलना पड़ा था।

फरवरी के आंकड़े :

फरवरी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो, फरवरी में कोयला रिफाइनरी उत्पादन और बिजली में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। जिसमें से

  • कोयले में - 10.3%

  • रिफाइनरी में - 1.4%

  • बिजली में - 11%

हालांकि, अन्य प्रोडक्ट जैसे क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस और स्टील सेक्टर के प्रोडक्ट्स में थोड़ी कमी भी दर्ज की गई थी। जबकि, पिछले साल 2019 में बुनियादी उद्योग वाले प्रोडक्ट कोयला, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, रिफायनरी उत्पादन उर्वरक स्टील सीमेंट बिजली में 2.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इनमें

  • उर्वरक में -2.9%

  • सीमेंट के प्रोडक्ट में - 8.6% की वृद्धि दर्ज की गई थी।

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