राज एक्सप्रेस। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) द्वारा समय-समय पर वित्तीय नियमों में बदलाव किए जाते रहे हैं। साथ ही SEBI का मुख्य काम वित्तीय संस्थानों पर नजर रखने का है। वह सभी वित्तीय संस्थानों से जुड़े फैसले ले सकता है साथ ही उनके द्वारा गलती करने पर उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई कर सकता है। वहीं, अब SEBI ने उद्योगपति वेणुगोपाल धूत व दो अन्य कंपनियों पर जुर्माना लगाया है।
SEBI ने लगाया 3 कंपनियों पर जुर्माना :
दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) द्वारा कुछ नियमों का उल्लंघन करने के चलते उद्योगपति वेणुगोपाल धूत व दो अन्य कंपनियों इलेक्ट्रोपार्ट्स इंडिया व वीडियोकॉन रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनपर 75 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया गया है। बता दें, SEBI ने इन तीनों कंपनियों पर 25-25-25 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। साथ ही इन कंपनियों को जल्द से जल्द जुर्माना भरने के आदेश भी दिए गए है। तीनों कंपनियों को SEBI द्वारा जुर्माना भरने के लिए 45 दिन की मौहलत दी गई है।
क्यों लगाया जुर्माना :
बताते चलें, SEBI द्वारा वेणुगोपाल धूत, इलेक्ट्रोपार्ट्स इंडिया और वीडियोकॉन रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर यह जुर्माना वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयर में इनसाइटर ट्रेडिंग (भेदिया कारोबार) के चलते लगाया गया है। SEBI के मुताबिक, SEBI को 16 जून 2017 और 13 अक्टूबर 2017 को वीडियोकॉन के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग की शिकायत मिली थी। इसके आधार पर जाँच की गई और मामला सामने आया।
SEBI का कहना :
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) का कहना है कि, 'SEBI को 16 जून 2017 व 13 अक्तूबर 2017 को वीडियोकॉन के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग की शिकायत मिली थी। इन पर आरोप था कि, वीडियोकॉन के शेयरों को जानबूझ कर गिराया गया था। इसके बाद सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जांच की मांग की। NSE की रिपोर्ट के अधार पर SEBI ने 2017 में तीन अप्रैल से 29 सितंबर के बीच वीडियोकॉन के शेयरों की जांच की। इसमें यह बात सामने आई कि वेणुगोपाल धूत, इलेक्ट्रोपार्ट्स इंडिया व वीडियोकॉन रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए इनसाइडर ट्रेडिंग की गई थी।'
अकाउंट को करने वाला था NPA :
SEBI ने आगे बताया कि, 'देना बैंक वीडियोकॉन के लोन अकाउंट को NPA करने वाला था। इसका असर वीडियोकॉन के शेयर पर पड़ता। यह जानकारी वेणुगोपाल धूत और अन्य दो कंपनियों के पास थी। इसके बावजूद दोनों कंपनियों ने या तो अपने शेयर गिरवी रख दिए या फिर अन्य फर्मों को ट्रांसफर कर दिए। वेणुगोपाल ने इन दोनों कंपनियों की ओर से कारोबार किया था। जबकि, वे आंतरिक सूत्र थे। सेबी का कहना है कि जानबूझ कर नियमों का उल्लंघन किया गया और शेयर गिराने के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग की गई थी।'
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