हाइलाइट्स :
पब्लिक प्लेस पर मोबाईल चार्ज करना पड़ न जाये भारी
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपने ग्राहकों को चेताया
SBI की NPA और प्रोविजनिंग रिपोर्ट में निकला अंतर
बैंक की रिपोर्ट्स में आया अंतर RBI द्वारा बताया गया
राज एक्सप्रेस। आपने अक्सर देखा होगा, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट या कई पब्लिक प्लेस पर मोबाईल चार्ज करने के लिए चार्जिंग पोर्ट दिए होते हैं और हम बिना सोचे समझे वहां अपना फोन चार्ज करने लगते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि, ऐसा करने से आपका बैंक अकाउंट भी खाली हो सकता है। अगर आपको यह बात मज़ाक लग रही है तो, हम आपको बता दें, यह बिलकुल सच है। इतना ही नहीं देश के सरकारी क्षेत्र के स्टेटबैंक ऑफ़ इंडिया ने अपने ग्राहकों को चेतावनी भी दी है कि, यदि वो ऐसा करते हैं तो उनका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।
बैंक की चेतावनी :
दरअसल देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनायें इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि, इन सबको ध्यान में रखते हुए ही SBI बैंक ने ग्राहकों को यह चेतावनी अपनी ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट पर दी है। बैंक ने कहा,
"चार्जिंग स्टेशन पर अपने फोन में प्लग करने से पहले दो बार सोचें। मैलवेयर आपके फोन को एक तरह से ढूंढ सकता है और संक्रमित कर सकता है, जिससे हैकर्स को आपके पासवर्ड चोरी करने और अपना डेटा निर्यात करने का एक तरीका मिल सकता है।"SBI बैंक
कैसे होगा डाटा चोरी :
मैलवेयर चार्जिंग पोर्ट से डाटा चोरी करने के लिए जूस हैकिंग का इस्तेमाल करते है। जूस हैकिंग एक तरह का साइबर अटैक है। इस अटैक में यूजर जैसे ही अपना फ़ोन चार्ज में लगाता है, फोन का चार्जिंग पोर्ट अपना काम करना शुरू कर देता है और यह काम फोन चार्ज करने का नहीं डाटा चोरी करने का होता है यूजर्स सोचते हैं फोन चार्ज हो रहा है, लेकिन उनका डाटा चोरी हो जाता है।
हैकर्स यूजर के फोन में उपलब्ध डाटा कनेक्शन और USB की मदद से मालवेयर इंस्टॉल कर लेते हैं इससे बहुत आसानी से आपके फ़ोन में जो भी इन्फॉर्मेशन उपलब्ध है उसे कॉपी किया जा सकता है। अब जरा सोचिये जिसका फोन नंबर उसके बैंक अकाउंट से लिंक होगा और उसकी अकाउंट से जुड़ी जानकारी फोन में उपलब्ध होगी वो हैकर्स के हाथ लग जाएगी। हैकर्स इसके अलावा आपके फोन में उपलब्ध फोटो-वीडियो या अन्य कई जरूरी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
RBI द्वारा बताया गया अंतर :
SBI ने आज अपने आंकड़े जारी किये। जिनके अनुसार, RBI को बैंक के NPA के आकंड़ों में 11,932 करोड़ रुपए का अंतर दिखा है, आकड़ों के अनुसार, SBI को वित्त वर्ष 2018-19 में 1 लाख 72 हजार 750 करोड़ रुपए अपना ग्रॉस NPA बताया था, जबकि, RBI के अनुसार यह अकड़ा 1 लाख 84 हजार 682 करोड़ रुपए का होना चाहिए था। वहीं RBI को बैंक की प्रोविजनिंग के आकंड़ों में 12,036 करोड़ रुपए का अंतर दिखा है, आकंड़ों के अनुसार, SBI को वित्त वर्ष 2018-19 में 1 लाख 6 हजार 856 करोड़ रुपए प्रोविजनिंग बताई है जबकि, RBI के अनुसार यह आंकड़ा 1 लाख 18 हजार 892 करोड़ का होना चाहिए था।
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