SBI VRS Scheme: बहुत समय से वित्तीय संकट में चल रहे बैंकिंग सैक्टर के कई बैंक बीते महीनों में मर्ज हो गए थे। इसके बाद कोरोना के चलते बैंकों की हालत और गंभीर हो गई है। इसी के चलते मर्ज हुए बैंकों के अलावा भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने कर्मचारियों से जुड़ा एक अहम् फैसला किया है, इस फैसले के तहत बैंक जल्द ही कर्मचारियों के लिए 'स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना' (VRS) की योजना पेश करेगा। बैंक ने यह फैसला लागत कम करने के लिए लिया है।
क्यों पेश की VRS योजना :
दरसअल, बैंक का मानना है कि, बैंक के 30,190 कर्मचारी इस योजना में भाग लेने के पात्र हैं। बैंक को यह VRS की योजना लागत कम करने के लिए तैयार करना पड़ी है। बैंक को उम्मीद है कि, बैंक में कायर्रत 50 साल की उम्र से अधिक (55) के लोग इस योजना का लाभ जरूर लेंगे। बताते चलें, साल 2020 के मार्च माह तक SBI में कुल कर्मचारियों की संख्या 2.49 लाख थी। जबकि, पिछले साल यानि 2019 के मार्च में कर्मचारियों की संख्या 2.57 लाख थी।
निदेशक मंडल की मंजूरी अभी बाकी :
खबरों के अनुसार, SBI द्वारा VRS की यह योजना पूरी तरह तैयार कर ली गई है लेकिन इसे अभी फ़िलहाल निदेशक मंडल की तरफ से मंजूरी नहीं मिली है। SBI द्वारा निदेशक मंडल की मंजूरी मिलते ही यह योजना लागू कर दी जाएगी। इसमें फिर कर्मचारी अपनी इच्छा से भाग ले सकेंगे। प्रस्ताव में पेश की गई योजना ‘दूसरी पारी टैप VRS - 2020’ का लक्ष्य बैंक की लागत को कम करना है। साथ ही मानव संसाधन का अधिकतम इस्तेमाल करना है।
स्थायी कर्मचारियों के लिए पेश की योजना :
बताते चलें, SBI द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) की यह योजना बैंक के स्थायी कर्मचारियों के लिए पेश की गई है, जो बैंक में बीते 25 सालों से कार्यरत हैं या जिनकी उम्र लगभग 55 साल है। बता दें, मंजूरी मिलने के बाद बैंक अपनी इस VRS योजना की शुरुआत 1 दिसंबर से करेगा जो फरवरी तक लागू रहेगी। इस अवधि के दौरान VRS योजना में भाग लेने के इच्छुक लोग आवेदन कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रहें कि, फरवरी के बाद बैंक यह आवेदन स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, बैंक द्वारा खुद से तैयार की गई सूचि में VRS लेने के पात्र कर्मचारियों में 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी शामिल हैं।
बैंक को बचत होने की उम्मीद :
बैंक की तैयार की गई योजना के अनुसार, बैंक का मानना है कि, योजना के पात्र लोगों में से यदि 30% ने भी VRS (रिटायरमेंट) ले लिया। तो, साल 2020 के जुलाई माह तक कर्मचारियों को देने वाले वेतन में से बैंक के लगभग 1,662.86 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत होगी। हालांकि, बैंक यूनियन का मत VRS योजना के पक्ष में नहीं हैं। बता दें, योजना के अनुसार, कर्मचारी को शेष बचे कार्यकाल का 50% के अलावा बीते 18 महीने के दौरान कर्मचारियों के कुल वेतन में से जो भी कमी की गई है, उसका एकसाथ भुगतान किया जाएगा। साथ ही उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और चिकित्सा लाभ जैसी अन्य सुविधाएं पहले की तरह मिलती रहेंगी।
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