इससे पहले, बैंक ने अगस्त में 10,00 करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म बॉन्ड जुटाया था
एसबीआई धन का प्रयोग ढ़ांचागत विकास और सस्ते घरों की लॉन्ग टर्म फंडिंग में करेगा
इंफ्रा बॉन्ड लॉन्ग टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं, मैच्योरिटी कम से कम 7 साल होती है
राज एक्सप्रेस। देश के सबसे बडे़ बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई ने इंफ्रा बॉन्ड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एसबीआई ने अपने बयान में बताया कि इसका कूपन रेट 7.4 फीसदी है। ज्ञात हो कि यह बैंक का इंफ्रा प्रोजेक्ट से जुड़ा चौथा बॉन्ड है। स्टेट बैंक ने अपने बयान में बताया है कि इस इश्यू के प्रति निवेशकों का जबर्दस्त रेस्पॉन्स देखने को मिला। इसे 4,000 करोड़ के बेस इश्यू साइज के मुकाबले 5 गुना ओवर सब्सक्रिप्शन मिला।
निवेशकों की प्रतिक्रिया के आधार पर बैंक ने 7.49 फीसदी वार्षिक के कूपन रेट पर 10,000 करोड़ रुपये स्वीकार किए हैं। एसबीआई इस धन का प्रयोग ढ़ांचागत विकास परियोजनाओं और सस्ते घरों की लॉन्ग टर्म फंडिंग में करेगा।
ज्ञात हो कि इससे पहले, बैंक ने अगस्त में 10,00 करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म बॉन्ड जुटाया था। स्टेट बैंक ने जनवरी माह में 9,718 करोड़ रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जुटाया था। इस इश्यू के लिए स्प्रेड 0.17 पर्सेंट था। सभी घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने इन इंस्ट्रूमेंट्स के लिए बैंक स्टेबल आउटलुक के साथ ट्रिपल ए क्रेडिट रेटिंग दी है। मौजूदा इश्यू के साथ ही, बैंक द्वारा जारी किए गए कुल लॉन्ग टर्म बॉन्ड से जुड़ी बकाया राशि 39,718 करोड़ रुपये है।
यह इश्यू भी बेहद अहम है, क्योंकि बैंक लगातार कम स्प्रेड पर लॉन्ग टर्म बॉन्ड जुटाने में सफल रहा है। बैंक ने बताया कि हमारा मानना है कि इस इश्यू से लॉन्ग टर्म बॉन्ड कर्व के विकास में मदद मिलेगी और बाकी बैंकों को भी लॉन्ग टर्म बॉन्ड जारी करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है। इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लॉन्ग टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं, जिनकी मैच्योरिटी कम से कम 7 साल होती है।
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