SBI ने MCLR को बढ़ा कर दिया ग्राहकों को झटका Kavita Singh Rathore -RE
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SBI ने MCLR को बढ़ा कर दिया ग्राहकों को झटका

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) की लोन पर मिलने वाले ब्याज की दरों में इजाफा किया गया है। इससे ग्राहकों को बड़ा झटका लगा है। जी हां SBI ने MCLR को बढ़ा कर ग्राहकों को झटका दिया है।

Author : Kavita Singh Rathore

SBI Interest Rates Hikes : यदि आप किसी भी कारण से लोन लेने का मन बना रहे हैं तो, जरा ध्यान दें यह खबर आपको निराश कर सकती है। यदि आपने सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) से लोन लेने का मन बनाया है तो आपको अब लोन लेना पड़ सकता है महंगा, क्योंकि, भारत के सरकारी सेक्टर के देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) की लोन पर मिलने वाले ब्याज की दरों में इजाफा किया गया है। इससे ग्राहकों को बड़ा झटका लगा है। जी हां SBI ने MCLR को बढ़ा कर ग्राहकों को झटका दिया है। बता दें, बैंक ये झटका पिछले महीने भी दे चुका है।

SBI ने बढ़ाई MCLR की दरें :

दरअसल, भारत के सरकारी सेक्टर के देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा झटका दे दिया है। क्योंकि, अब ग्राहकों को SBI से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेना महंगा पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR Rate) में बढ़ोत्तरी कर दी है। इसके बाद ग्राहकों को लोन पर लगने वाली ब्याज दरों के लिए ज्यादा भुगतान देना पड़ेगा। बैंक की नई दरें आज यानी शुक्रवार 15 जुलाई 2022 से लागू हो चुकी ही। जानकारी देते हुए शुक्रवार को बैंक ने कहा है कि, 'बैंक ने फंड की सीमांत लागत आधारित उधारी दरों (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट (BPS) या 0.10% की बढ़ोतरी की है। यह फैसला 15 जुलाई 2022 से लागू हो चुका है । इसके तहत एक साल की अवधि के लिए MCLR बढ़कर 7.05% से बढ़कर 7.15% हो जाएगी।'

SBI की नई ब्याज दरें :

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) द्वारा आज से बढ़ाई गई ब्याज दरों में हुई बढ़त के बाद ब्याज दरें कुछ इस प्रकार है -

  • एक महीने और तीन महीने के लोन पर MCLR दर 7.05% से बढ़कर 7.15%

  • 6 माह की अवधि वाले ऋण के लिए MCLR दर 7.35% से बढ़कर 7.45%

  • एक साल के कर्ज पर 7.4% से बढ़कर 7.5%

  • दो साल की अवधि के लोन के लिए 7.7% से बढ़कर 7.8%

MCLR का सीधा असर लोन पर :

जानकारी के लिए बता दें, जब भी कोई बैंक मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोत्तरी करता है तो, उस बैंक के सभी तरह के लोन महंगे हो जाते है। क्योंकि, MCLR दर में हुए इजाफे का सीधा असर लोन पर होता है।

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