हाइलाइट्स :
सऊदी अरब ने किया 'ऑयल प्राइस वॉर' का ऐलान
कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट
20 साल में कीमतों में हुई सबसे बड़ी कटौती
भारत में हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम
राज एक्सप्रेस। सऊदी अरब में तेल संचालित एवं नियंत्रित करने वाली अरामको जेसडी कंपनी है इतना ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में तेल की पूर्ति सउदी अरब ही करता है। वहीं अब इन देशो के लिए एक बुरी खबर है क्योंकि, सऊदी अरब ने अब अगले महीने से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने को लेकर 'ऑयल प्राइस वॉर' का ऐलान कर दिया है। जिससे कई देशों में कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इसका प्रमुख कारण दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति न बनना है।
कच्चे तेल के दाम :
सऊदी अरब द्वारा इस ऑयल प्राइस वॉर के चिढ़ते ही सोमवार को कच्चे तेल के दामों में लगभग 31% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 36 डॉलर प्रति बैरल रही, उधर अमेरिकी WTI तेल की कीमत 32 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंची। बताते चलें कि, भारत में सऊदी अरब से लगभग 18% तेल आता है जो भारत उससे खरीदता है, इतना ही नहीं भारत में 30% LPG गैस भी सऊदी अरब से ही आती है। हालांकि, भारत के लिए यह खुशी की खबर हो सकती है क्योंकि, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज होने से भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 5-6 रुपये प्रति लीटर तक सस्ती हो सकती हैं।
20 साल में सबसे बड़ी कीमतों में कटौती :
ब्लूमबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट से यह बड़ी बात सामने आई है कि, ओपेक और उसके साथ के देशों के बीच तेल का उत्पादन बंद करने से जुड़ा कोई समझौता न हो पाने के कारण सऊदी अरब द्वारा रविवार को तेल की कीमतों में जो कटौती की है वो, पिछले 20 साल में सबसे बड़ी कटौती है। अब उम्मीद की जा रही है कि, मुख्य तेल उत्पादकों की बैठक होगी जिसमें उत्पादन में भारी कटौती से जुड़ा कोई फैसला लिया जाएगा। इसमें बैठक के लिए भी रूस ने असहमति जताते हुए इनकार कर दिया।
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