राज एक्सप्रेस । आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) सलिल पारेख की सैलरी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। खबर है कि चालू वित्तवर्ष में पारेख की सैलरी 21 फीसदी घटकर 56.4 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि पिछले साल उनकी सेलरी 71 करोड़ रुपये थी। बेंगलुरु स्थित आईटी सर्विस कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इस गिरावट की प्रमुख वजह पारेख द्वारा वर्ष के दौरान कम रेस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट्स (आरएसयू) का उपयोग करना है।
उल्लेखनीय है कि रेस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट्स कर्मचारियों को दिया जाने वाला इक्विटी कंपनसेशन है। इंफोसिस दो प्लान के आधार पर आरएसयू प्रदान करता है। 2015 की योजना के तहत स्टॉक काफी हद तक समय पर आधारित होते हैं, लेकिन 2019 की योजना के तहत बेनिफिट परफॉर्मेंस पर आधारित होता है। परफॉर्मेंस इंडिकेटर में टोटल शेयरहोल्डर रिटर्न और कंपनी के ऑपरेटिंग मेट्रिक्स शामिल हैं। इंफोसिस ने कहा कि 56.44 करोड़ रुपये के कंपनसेशन में से पारेख ने अपने आरएसयू का इस्तेमाल कर 30.6 करोड़ रुपये कमाए।
पिछले वित्त वर्ष मे पारेख ने अपने आरएसयू का इस्तेमाल करके 52.33 करोड़ रुपये कमाए, जिससे वह भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ में से एक बन गए थे। वित्तवर्ष 23 में पारेख ने बेस पे में 6.67 करोड़ रुपये कमाए । वहीं, रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में 45 लाख रुपये कमाए और वर्ष के लिए 18.73 करोड़ रुपये उनका वेरिएबल पे या बोनस था। उनका वेरिएबल पे 2022 में 12.62 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 18.73 करोड़ रुपये हो गया। पारेख ने कंपनी के कर्मचारियों के औसत वेतन का 627 गुना यानी 9 लाख रुपये कमाए।
हालांकि, पारेख इंफोसिस में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले शख्स नहीं थे। इस दौरान सबसे अधिक वेतन प्रेसिडेंट मोहित जोशी को मिला, जिन्होंने टेक महिंद्रा के सीईओ नामित किए जाने के बाद मार्च में इंफोसिस से इस्तीफा दे दियाथा। वित्त वर्ष 23 में जोशी ने 57.32 करोड़ रुपये कमाए। वह 9 जून को इंफोसिस छोड़ रहे हैं। पारेख ने शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में कहा कि FY23 कंपनी के बिजनेस के लिए एक मजबूत साल था, जिसमें 15 फीसदी से अधिक की ग्रोथ और ऑपरेटिंग मार्जिन 2.5 अरब डॉलर था।
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