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खाद्य वस्तुओं में तेजी की वजह से से दिसंबर में 4 माह के उच्च स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

साल 2023 के अंतिम माह में खुदरा महंगाई दर 4 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी रही है।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • इसके एक माह पहले नवंबर में महंगाई दर 5.55 फीसदी रही थी।

  • खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी, लेकिन यह अब भी अनुमान से कम है।

  • अर्थशास्त्रियों ने दिसंबर में महंगाई दर 5.90% रहने का अनुमान जताया था।

राज एक्सप्रेस । साल 2023 के अंतिम माह दिसंबर में खुदरा महंगाई दर चार माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी रही है। जबकि, एक माह पहले नवंबर में महंगाई दर 5.55 फीसदी रही थी। खुदरा महंगाई में हालांकि बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन यह अब भी अनुमान से कम है। अर्थशास्त्रियों ने दिसंबर में महंगाई दर 5.90 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।

बता दें कि महंगाई की दर 51 महीनों से लगातार देश के केंद्रीय बैंक के मीडियम-टर्म टारगेट (4 पर्सेंट) से ज्यादा है। रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-दिसंबर में महंगाई दर 5.6 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान जताया था। महंगाई दर में बढ़ोतरी में मुख्य वजह बेस इफेक्ट का अनुकूल नहीं होना है। बहरहाल, दिसंबर में कीमतों में बढ़ोतरी में पिछले माह के मुकाबले मामूली गिरावट देखने को मिली है।

मिसाल के तौर पर कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स में मासिक आधार पर 0.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी, जबकि सब्जियों से जुड़े प्राइस इंडेक्स में पिछले माह के मुकाबले 5.3 फीसदी की कमी देखने को मिली है।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दिसंबर में बढ़कर 9.53 फीसदी हो गई हो गई है, जो इससे पिछले माह 8.7 फीसदी और एक साल पहले के इसी माह में 4.9 फीसदी थी। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है। रिजर्व बैंक महंगाई दो पर्सेंट घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के आसपास रखने का प्रयास करता है।

इन आंकड़ों को अस्थाई राहत के रूप में देखा जा रहा है कि दिसंबर में खुदरा कीमतों में अनुमान से कम बढ़ोतरी हुई है, लेकिन खाद्य वस्तुओं की महंगाई सरकार के लिए चिंता की बात बनी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी। इससे पहले महंगाई दर का यह आखिरी आंकड़ा है।

रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की अगली बैठक 8 फरवरी को होने वाली है। इस बैठक में ब्याज दरों को बढ़ाने को लेकर रिजर्व बैंक फैसला करेगी। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने पिछले पांच माह में रेपो रेट को 6.5 फीसदी के स्तर पर स्थिर रखा है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति का लक्ष्य 5.4 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था। अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक एमपीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया था।

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