राज एक्सप्रेस। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को अगस्त माहीने की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) यानी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी कर दिए। एनएसओ के आंकड़ों से पता चला है कि अगस्त माह में जुलाई के मुकाबले महंगाई की दर में कमी आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, बाजार में सब्जियों और खाद्य तेलों की कीमतें घटने के कारण अगस्त में फुटकर मुद्रास्फीति जुलाई के 7.44 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 6.83 प्रतिशत हो गई।
उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में उपभोक्ता मुद्रास्फीति 7.44 प्रतिशत के स्तर पर अपने 15 महीने के उच्चतम स्तर पर थी, जो अगस्त में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी और सब्जी के दामों में गिरावट की वजह से कम हो गई। अगस्त माह में अनाज की कीमतों में भी कमी देखने में आई। आंकड़ों में बात करें तो जुलाई में 13 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में 11.6 प्रतिशत अनाज में महंगाई रही। दूध और दूध से बने उत्पादों में मुद्रास्फीति जुलाई में 8.34 प्रतिशत रही, जो अगस्त में घटकर 7.7 प्रतिशत पर आ गई। बाजार में सब्जियां अब भी महंगी है, लेकिन जुलाई के मुकाबले अगस्त में इसमें काफी गिरावट आ गई। जुलाई में सब्जियों की कीमत 37.34 प्रतिशत तेजी रही, जो अगस्त में कम होकर 26.1 प्रतिशत के स्तर पर आ गई।
आंकड़ों के अनुसार घरेलू मांग के समर्थन से औद्योगिक उत्पादन में अगस्त में तेजी देखने को मिली। इस साल जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल जुलाई की तुलना में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस साल जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स दोनों में 4.6-4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। विनिर्माण सेक्टर में तेजी इस बात का संकेत है कि घरेलू स्तर पर मांग में बढ़ोतरी हुई है। कैपिटल गुड्स में बढ़ोतरी भविष्य में मैन्यूफैक्चरिंग के विस्तार की तैयारी को दर्शाता है। जुलाई में सिर्फ कंज्यूमर ड्यूरेबल के उत्पादन में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 2.7 प्रतिशत की गिरावट रही।
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