राज एक्सप्रेस। लॉकडाउन के समय से मुकेश अंबानी की कंपनी अपने Jio प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगातार एक के बाद एक कंपनियों के साथ डील फ़ाइनल करती गई और इस प्रकार कंपनी ने 15-16 देशी और विदेशी कंपनियों के साथ कंपनी की हिस्सेदारी हो गई। वहीं, काफी समय से चर्चा चल रही थी कि, रिलायंस इंडस्ट्रीज की फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के साथ भी डील फाइनल होने जा रही है। इतना ही नहीं यह डील अपने काफी अंतिम चरणों में भी पहुंच गई थी, लेकिन अब यह डील कैंसिल हो गई है।
रिलायंस और फ्यूचर की डील कैंसिल :
दरअसल, आज रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है। वहीं, पिछले कुछ समय से यह खबर थी कि, RIL कंपनी किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार, दोनों कंपनियों की डील अपने अंतिम चरण में पहुंच गई थी। बता दें, ये दोनों कंपनियों की यह डील 24,713 करोड़ रुपये की थी, लेकिन अब यह डील कैंसिल हो चुकी है। इस मामले में जानकारी RIL (Reliance Industries Limited) ने दी है।
RIL ने दी जानकारी :
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इस डील के कैंसिल होने की जानकारी देते हुए कहा है कि, "इस सौदे को सुरक्षित कर्जदाताओं की बैठक में मंजूरी नहीं मिलने के बाद क्रियान्वित नहीं किया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना में कहा कि, 'फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और फ्यूचर समूह की अन्य कंपनियों ने इस सौदे की मंजूरी के लिए हुई बैठकों के नतीजों से अवगत कराया है। इसके मुताबिक, सौदे को शेयरधारकों एवं असुरक्षित कर्जदाताओं ने बहुमत से स्वीकार कर लिया है लेकिन सुरक्षित ऋणदाताओं ने प्रस्ताव को नकार दिया है। FRL के सुरक्षित ऋणदाताओं ने प्रस्तावित योजना के खिलाफ मतदान किया है। ऐसी स्थिति में इस योजना को आगे क्रियान्वित नहीं किया जा सकता है।’’
अगस्त 2020 में चल रही थी चर्चा :
बताते चलें, यह डील साल 2020 से होने की चर्चा चल रही थी इस डील के होने में कई तरह की अड़चने आरही थीं, लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसा लग रहा था कि, अब दोनों कंपनियों की यह डील पूरी हो ही जाएगी, लेकिन अब इस डील के कैंसिल होने की खबर सामने आते ही सब हैरान रह गए। इस डील के होने की घोषणा सबसे पहले फ्यूचर समूह ने अगस्त 2020 में की थी। तब कंपनी ने बताया था कि, 'वह रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के साथ 24,713 करोड़ रुपये की डील करने जा रही है। इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण खंडों में सक्रिय फ्यूचर समूह की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी। इस विलय समझौते की घोषणा के बाद से ही दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon इसका विरोध कर रही थी। विभिन्न अदालती मुकदमों में Amazon ने यह कहते हुए इस सौदे का विरोध किया कि उसके साथ हुए फ्यूचर समूह के निवेश समझौते का यह करार उल्लंघन करता है।'
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