RBI ने हटाए MasterCard पर लगाए गए सभी व्यावसायिक प्रतिबंध  Social Media
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RBI ने हटाए MasterCard पर लगाए गए सभी व्यावसायिक प्रतिबंध

RBI ने पिछले साल 2021 के जुलाई महीने में मास्टरकार्ड (MasterCard) पर कुछ व्यावसायिक प्रतिबंध लगा दिए थे। जिन्हें अब RBI ने हटाने का ऐलान कर दिया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास देश के सभी बैंको और वित्तीय संस्थाओ की कमान रहती है। वह अपने द्वारा निर्धारित किए गए नियमों का उल्लंघन होने पर कोई भी सर्विस किसी की अनुमति के रोक सकता है, उस बैंक या संस्था पर जुर्माना लगा सकता है साथ ही प्रतिबंध भी लगा सकता है। इसी कड़ी में RBI ने पिछले साल 2021 में मास्टरकार्ड (Master Card) पर कुछ व्यावसायिक प्रतिबंध लगा दिए थे। जिन्हें अब RBI ने हटाने का ऐलान कर दिया है।

RBI ने किया प्रतिबंध हटाने का ऐलान :

दरअसल, RBI द्वारा पिछले साल 2021 के जुलाई के महीने में मास्टरकार्ड (Master Card) पर लगाए व्यावसायिक प्रतिबंध को गुरुवार को हटाने का ऐलान कर दिया गया है। इतना ही नहीं RBI ने डेटा स्टोरेज मानदंडों को लागू करने के साथ ही ग्लोबल पेमेंट प्रोसेसर (Global Payment Processor) को भारत में डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड के लिए नए ग्राहकों को जोड़ने की अनुमति भी दे दी है। बता दें, जुलाई 2021 में रिजर्व बैंक ने US आधारित इकाई पर एक बड़ी कार्रवाई (Supervisory Action) की थी। डेटा स्टोरेज दिशानिर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए मास्टरकार्ड को नए क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड जारी करने से रोक दिया गया था, लेकिन अब यह सभी प्रतिबंध हटा दिए गए है।

RBI का बयान :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इस बारे में जानकारी देते हुए एक बयान जारी किया है। इस बयान में RBI ने कहा है कि, 'मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के साथ संतोषजनक अनुपालन के मद्देनजर भुगतान प्रणाली डेटा के स्टोरेज पर, नए घरेलू ग्राहकों के ऑन-बोर्डिंग पर लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा दिए हैं। RBI के परिपत्र के साथ नए घरेलू ग्राहकों के ऑनबोर्डिंग पर 14 जुलाई, 2021 के आदेश के तहत लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा दिए गए हैं।'

सूत्रों का कहना :

इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, 'मास्टरकार्ड पहले से ही डेटा स्टोरेज को लोकलाइज करने की प्रक्रिया में था। हालांकि, अनुपालन प्राप्त करने में देरी ने RBI को सख्त रुख अपनाने के लिए मजबूर किया। कंपनी भंडारण मानदंडों में छूट के लिए पैरवी कर रही थी और एक ऐसी व्यवस्था की मांग की जो 'केवल भारत में भंडारण' के बजाय 'भारत में भंडारण' को स्वीकार करे।' बता दें, मास्टरकार्ड भारत का दूसरा सबसे बड़ा क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता है, और इसने भुगतान के बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश किया है।

मास्टरकार्ड कंपनी का कहना :

मास्टरकार्ड कंपनी ने RBI के फैसले पर कहा है कि, 'हमें खुशी है कि हम मील का पत्थर हासिल कर चुके हैं और स्थापित किए गए लक्ष्यों और नियामक आवश्यकताओं के खिलाफ निरंतर वितरण सुनिश्चित करना जारी रखेंगे। यहां बनाए गए नवाचार और हमारे द्वारा प्रदान किए जाने वाले मूल्य दोनों के मामले में भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।'

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