RBI Inflation growth forecast : देश में कोरोना के चलते आई आर्थिक समस्या के दौर को भारत में काफी अच्छे से देखा गया है। हालांकि, मुद्रास्फीति के आंकड़े को लेकर एजेंसी और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर अनुमान जारी करते हैं, लेकिन कोरोना के भारत में आने के बाद और सालभर से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते देश में महंगाई काफी बढ़ी ही है। ऐसे में देश में मुद्रास्फीति बढ़ने की उम्मीद पहले से ही थी। वहीं, अब जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए अनुमान में मुद्रास्फीति के आंकड़े को 6.8% पर रहने का अनुमान जताया हैं।
RBI ने जारी की रिपोर्ट :
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को एक शोध रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, देशवासियों की मुश्किलें कुछ बढती सी दिखाई दी हैं। क्योंकि, देश के सभी बैंकों की कमान थामने वाले केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति (Inflation) के लिए 6.8% पर रहने का अनुमान लगाया है। मंगलवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि, '6.8% की महंगाई दर का अनुमान इतना ज्यादा नहीं है कि, प्राइवेट उपभोग को रोक सके न ही यह इतना कम है कि निवेश में कमी आए।' बता दें, संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश किया गया था।
सर्वेक्षण के अनुसार :
संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि, "हालांकि लंबे समय तक खिंचने वाली महंगाई सख्ती के चक्र को लंबा कर सकती है। ऐसे में ऋण की लागत लंबे समय तक ऊंची रह सकती है। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से 10 महीने तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर रहने के बाद पिछले साल नवंबर में घटकर इससे नीचे आई है। RBI ने वित्त वर्ष 2022-23 में औसत महंगाई दर 6.8% रहने का अनुमान लगाया था जो इसके लक्षित दायरे से ऊंची थी। हालांकि, यह दर इतनी ज्यादा नहीं है कि निजी खपत को रोक सके या इतनी कम भी नहीं है कि निवेश को कमजोर कर सके।’’
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