राज एक्सप्रेस। यूँ तो पहले भी बहुत बार सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म या ऑनलाइन वॉलेट के द्वारा डाटा चोरी होने की खबरें सामने आईं हैं, लेकिन इस बार ऐसे ही आरोपों के चलते डिजिटल पेमेंट वॉलेट 'MobiKwik' (मोबीक्विक) चर्चा में नजर आरही है। क्योंकि, हाल ही में पेमेंट वॉलेट MobiKwik ऐप पर डाटा चोरी से जुड़े आरोप लगे थे, इस मामले में अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन आरोपों की जाँच करने के आदेश जारी किये हैं।
RBI ने दिए जांच के आदेश :
दरअसल, पिछले दिनों डिजिटल पेमेंट फर्म MobiKwik पर आरोप लगे थे कि, उसके द्वारा 11 करोड़ यूजर्स का पर्सनल डाटा लीक हुआ है। इन्हीं आरोपों की जांच करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं RBI द्वारा कंपनी को चेतावनी भी दी गई है कि, यदि कंपनी के वॉलेट में किसी प्रकार की कोई भी ड्रॉबैक पाया गया तो, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा, जिसे कंपनी को भरना पड़ेगा।
MobiKwik ने किए सारे आरोप खारिज :
दूसरी तरफ MobiKwik वॉलेट का संचालन करने वाली कंपनी ने ग्राहकों के लीक हुए डेटा की घटना से इनकार करते हुए अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। इसके लिए कंपनी को कड़ा विरोध भी झेलना पड़ा। क्योंकि, डेटा लीक होने से जुड़ी जानकारी सबसे पहले देने वाले सिक्योरिटी रिसर्चर के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की धमकी भी दी गई थी। जानकारी के लिए बता दें, डिजिटल पेमेंट्स कंपनी MobiKwik की पार्टनरशिप दो कंपनियों से है। जिसमे अमेरिका की कंपनी सिकोइया कैपिटल (Sequoia Capital) और भारत की कंपनी बजाज फाइनेंस शामिल है।
इंडिपेडेंट मोबाइल पेमेंट :
MobiKwik एक इंडिपेडेंट मोबाइल पेमेंट नेटवर्क है। जिसके 30 लाख के करीब यूजर्स है और यह ऐप उन्हें 50,000 से ज्यादा रिटेल स्टोर्स से जोड़ने का काम करती है। इस मोबाइल वॉलेट के माध्यम से यूजर्स क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिग यहां तक की डोर स्टेप कैश कलेक्शन के जरिए भी पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। गौरतलब है कि, ऐसे डाटा चोरी के मामलों में दोषी पाए जाने पर RBI किसी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर या वॉलेट पर कम से कम 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाती है।
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