RBI Included NPR in List of Legal Documents Kavita Singh Rathore -RE
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RBI के NPR से जुड़े फैसले ने मचाया तमिलनाडु के गांव में हड़कंप

भारतीय रिजर्व बैंक ने नेशनल पॉप्‍युलेशन रजिस्‍टर (NPR) से जुड़ा एक चौंका देने वाला फैसला लिया। जिससे तमिलनाडु के एक गांव में हड़कंप मच गया। यहां पढ़ें, RBI ने क्या फैसला लिया और क्यों मचा गांव में हड़कंप।

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • CAA-NRC-NPR को लेकर मच रहा देश में बबाल

  • RBI ने NPR को लीगल डॉक्यूमेंट की लिस्ट में किया शामिल

  • सेंट्रल बैंक की शाखा नेजारी किया एक विज्ञापन

  • तमिलनाडु के कयालपट्टिनम गांव में मचा हड़कंप

  • लोगों ने बैंको में जमा अपना पैसा निकाला

राज एक्सप्रेस। जहां एक तरफ देश में CAA-NRC और नेशनल पॉप्‍युलेशन रजिस्‍टर (NPR) जैसे मुद्दों को लेकर बबाल मचा हुआ है, देश में जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नेशनल पॉप्‍युलेशन रजिस्‍टर (NPR) से जुड़ा एक चौंका देने वाला फैसला लिया। जिससे तमिलनाडु के एक गांव में हड़कंप मच गया। यहां पढ़ें, RBI ने क्या फैसला लिया और क्यों मचा इस गांव में हड़कंप।

क्या लिया फैसला :

दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नेशनल पॉप्‍युलेशन रजिस्‍टर (NPR) से जुड़ा एक फैसला लिया है, जिसके अनुसार, NPR को बैंक अकॉउंट खोलते समय नो योर कस्‍टमर वेरिफ‍िकेशन (Know Your Customer verification) अर्थात केवाईसी वेरिफ‍िकेशन में लीगल डॉक्यूमेंट के रूप में शामिल किया जाएगा। RBI ने इसके लिए बैंको को आदेश दिया, आदेश मिलने के बाद सेंट्रल बैंक की एक शाखा ने इसके लिए एक विज्ञापन जारी किया था। जिसके बाद तो तमिलनाडु के एक गांव कयालपट्टिनम में हड़कंप मच गया। कयालपट्टिनम में रहने वाले मुस्लिम लोग घबरा कर बैंकों से अपना पैसा निकालने पहुंच गए।

क्या हुआ बैंक में :

कयालपट्टिनम गांव की सेन्ट्रल बैंक की शाखा से पैसे निकालने के लिए लोग लम्बी-लम्बी लाइन लगाए नजर आये। खबरों के अनुसार, इन लाइनों में लगे ज्यादातर लोग मुस्लिम धर्म के थे। भारत में ऐसा नजारा इससे पहले नोटबंदी के समय देखा गया था। वहीं बैंक के कर्मचारी भी इस उमड़ी हुई भीड़ से परेशान नजर आये क्योंकि, उनके पास भी जनता के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि, आखिर RBI ने NPR को लीगल डॉक्यूमेंट की लिस्ट में क्यों शामिल किया है।

अन्‍य बैंक शाखा पर भी उमड़ी भीड़ :

RBI के इस फैसले के बाद न केवल कयालपट्टिनम गांव की एक बैंक शाखा के बाहर ही भीड़ नजर नहीं आई बलि्क कई बैंको के बाहर लोग अपने पैसे बैंक से निकालने के लिए खड़े हुए थे। वहीं, बैंक के अधिकारियों ने मुस्लिम समुदायों के नेताओं से विनती की कि, वो लोगों को समझाए कि, डरने की कोई बात नहीं है और वो ऐसा न करें। इसके बाद नेताओं ने बैंक में इकठ्ठा हुई भीड़ को समझाया कि, डरने की कोई बात नहीं है। तब जाकर वहां स्थिति कुछ कंट्रोल में आई। खबरों के अनुसार इस इलाके के बैंको से सोमवार को लगभग 1 करोड़ रुपये की रकम निकल ली गई क्योंकि, बैंक के बहुत से ग्राहकों ने बैंक में रखी अपनी रकम निकल ली है।

कई बैंको ने नहीं किया शामिल :

सेंट्रल बैंक ने इस नियम को लागू कर दिया है। जबकि, कई बैंक अभी भी ऐसे हैं जिन्होंने NPR को केवाईसी (KYC) वेरिफ‍िकेशन में लीगल डक्यूमेंट के रूप में शामिल नहीं किया है। एक बैंक अधिकारियों ने बताया कि, यदि किसी ग्राहक के पास उसका आधार कार्ड है तो यह बैंक अकाउंट को केवाईसी करने के लिए पर्याप्‍त है। इसके अंतर्गत आधार के अलावा पासपोर्ट, वोटर पहचान पत्र, डीएल, नरेगा कार्ड डॉक्‍यूमेंट शामिल हैं। इसलिए इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।

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