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भारतीय रिजर्व बैंक ने महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज और इंडियन बैंक पर लगाया जुर्माना

आरबीआई ने ऋण स्वीकृत करते समय ब्याज दरों के खुलासे संबंधी नियमों का पालन नहीं करने पर महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर जुर्माना लगाया है।

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऋण स्वीकृत करते समय ब्याज दरों के खुलासे संबंधी नियमों का पालन नहीं करने के मामले में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 6.77 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने अपने एक बयान में बताया है कि ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी) के कुछ मानदंडों का उल्लंघन करने पर इंडियन बैंक पर 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एनबीएफसी (रिजर्व बैंक) दिशा-निर्देशों में धोखाधड़ी की निगरानी, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर एर्नाकुलम स्थित मुथूट मनी लिमिटेड पर भी 10.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि जुर्माना विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित हैं और ग्राहकों के साथ उनके द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता से इसका संबंध नहीं है। आरबीआई ने कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज का वैधानिक निरीक्षण 31 मार्च, 2019 और 31 मार्च, 2020 तक इसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया है।

ब्याज दरें अपरिवर्तित रहने से बॉन्ड का प्रतिफल हुआ नरम

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में कोई इजाफा नहीं किया है। इस वजह से बॉन्ड बाजारों में तेजी का रुख रहा और 10 वर्षीय सरकारी बेंचमार्क प्रतिभूति का प्रतिफल 8 आधार अंक नरम होकर 7.2 फीसदी पर आ गया। ब्याज दर तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की समिति ने रीपो दरें 2023-24 की पहली बैठक में 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया है। नेशनल क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 7.20 फीसदी पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 7.28 फीसदी रहा था। चूंकि बाजार के प्रतिभागी मौद्रिक नीति की घोषणा में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी मानकर चल रहे थे, ऐसे में यथास्थिति के ऐलान के चलते बॉन्ड में तेजी आई। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिफल में नरमी से संकेत मिलता है कि बाजार आरबीआई के कदम से सहज महसूस कर रहा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई का अनुमान वित्त वर्ष 24 की चारों तिमाहियों में ऊपरी स्तर से नीचे रहने का है। 10 वर्षीय बेचमार्क का प्रतिफल जून की नीतिगत समीक्षा तक 7.10 से 7.30 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है, अगर वैश्विक बाजारों में कुछ घटनाक्रम न हो तो।

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