राज एक्सप्रेस । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक का आज तीसरा और अंतिम दिन है। मंगलवार को शुरू होई बैठक में विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श किया गया। समिति ने मंगलवार और बुधवार को भी दिनभर विचार विमर्श किया। समिति के अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास गुरुवार को बैठक में किए गए फैसलों की घोषणा करेंगे।
जानकारों का कहना है कि इस बात की संभावना नहीं है कि आरबीआई गवर्नर अमेरिका व कुछ यूरोपीय देशों के केंद्रीय बैंकों की तर्ज पर भारत में ब्याज दरों को लेकर कोई बदलाव करेंगे। हाल के दिनों में जिस तरह से देश में टमाटर, गेहूं और कुछ दूसरे खाद्य पदार्थों की कीमतों को तेजी का रुख दिखाई दिया है उसके बारे में आरबीआई गवर्नर क्या टिप्पणी करते हैं इस पर निश्चित तौर पर सभी की नजर रहेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार महंगाई की दर अभी बहुत परेशान करने वाली नहीं है। हालांकि बैंक ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कुछ नये उपायों की घोषणा जरूर हो सकती है। इस बात की पूरी संभावना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार वैधानिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वजह यह है कि महंगाई की दर घट कर 5 फीसदी के करीब आ गई है। माना जा रहा है एहतियाती कदम उठाते हुए आरबीआई कुछ दूसरे कदम उठा सकता है जिससे महंगाई को थामने में मदद मिले।
जून, 2023 में खुदरा महंगाई की दर 4.81 फीसदी रही है। यह आरबीआई की तरफ से तय लक्ष्य के दायरे में है, लेकिन यह पिछले तीन महीनों की सबसे ऊंची दर है। उनका कहना है कि महंगाई की दर में थोड़ी बहुत और वृद्धि संभव है । आगे ब्याज दरों में गिरावट होगी या नहीं यह इस बात से तय होगा कि आर्थिक विकास दर क्या रहती है और अमेरिका का केंद्रीय बैंक क्या फैसला करता है। अगर जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी से नीचे आती है या अमेरिका में ब्याज दरों को घटाया जाता है तो आरबीआई भी यह फैसला कर सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 6 फीसद से थोड़ी ज्यादा रह सकती है। यह टमाटर व दूसरी सब्जियों की कीमतों में तेजी आने की वजह से होगा। आरबीआई ने उम्मीद जताई थी कि इस अवधि में महंगाई की दर 5.2 फीसद रहेगी। लेकिन कीमतों में यह वृद्धि अस्थाई है।
महंगाई की दर इस वित्त वर्ष की शेष अवधि में 5.1 फीसदी रहने के आसार हैं। इससे आरबीआई को राहत को मिलेगी और उम्मीद है कि रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा। एमपीसी की पिछली बैठक जून, 2023 में हुई थी जिसमें इसके सभी छह सदस्य डॉ. शशिकांत भिडे. डॉ. आशिमा गोयल, प्रो. जे आर वर्मा, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल पात्रा और गवर्नर दास ने रेपो रेट को 6.5 फीसद पर बनाये रखने का फैसला किया था।
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