ओवरसीज बैंक पर गिरी RBI की गाज़, लगा लाखों का जुर्माना Syed Dabeer Hussain - RE
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ओवरसीज बैंक पर गिरी RBI की गाज़, लगा लाखों का जुर्माना

RBI ने एक बार फिर सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक पर जुर्माना लगा दिया है। RBI ने कुछ नियमों के उल्लंघन करने के चलते इस बैंक पर यह जुर्माना लगाया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में लॉकडाउन से लेकर अभी तक हर तरह की परिस्थिति में बैंक के कार्य निरंतर चलते रहते हैं। इसके बाद भी कई बार बैंक से कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों पर जुर्माना लगा दिया जाता है और यह सिलसिला पिछले साल से लेकर अब भी जारी है। पिछले दिनों कई बैंकों पर जुर्माना लगाने के बाद अब RBI ने एक बार फिर सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक पर जुर्माना लगा दिया है। RBI ने कुछ नियमों के उल्लंघन करने के चलते इस बैंक पर यह जुर्माना लगाया है।

क्यों लगाया RBI ने जुर्माना :

दरअसल, जब भी कोई बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लंघन करता है तो, RBI बिना किसी की अनुमति के उस बैंक पर जुर्माना भी लगा सकता है और उसकी सेवाएं भी रद्द कर सकता है। क्योंकि, भारत के सभी बैंकों की कमान RBI के हाथ में ही होती है। वहीं, अब RBI ने देश के सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ भी कुछ ऐसा ही किया है। जी हां, RBI ने कुछ मानदंडों और धोखाधड़ी से संबंधित नियमों का पालन न करने के चलते बैंक पर 57.5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। इस मामले में RBI ने विस्तार से जानकारी दी है।

RBI ने दी जानकारी :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इस मामले में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, 'RBI ने इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) पर यह जुर्माना इसलिए लगाया है क्योंकि, यह बैंक मार्च 2020 के अंत में वित्तीय स्थिति के संदर्भ में वैधानिक निरीक्षण और रिपोर्टों की जांच के आधार पर अनियमितताओं का पता लगने के तीन सप्ताह के अंदर, ATM कार्ड क्लोनिंग/स्किमिंग से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों की बैंक जानकारी देने में असफल रहा था।'

वित्तीय स्थिति के बारे में दी जानकारी :

केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि, 'यह जुर्माना कमर्शियल बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं की धोखाधड़ी-वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर आरबीआई की ओर से जारी निर्देशों से जुड़ा था। इस कार्रवाई का ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता से कोई संबंध नहीं है। इस पेनाल्टी से पहले आरबीआई ने 31 मार्च, 2020 तक इंडियन ओवरसीज बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में सुपरवाइजरी वैल्युएशन के लिए एक निरीक्षण किया था। इसमें रिस्क असेसमेंट रिपोर्ट, इंस्पेक्शन रिपोर्ट और उससे जुड़ी चीजें शामिल थीं।'

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