कोटक महिंद्रा के नए सीईओ दीपक गुप्ता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने आईआईएम-अहमदाबाद में मैनेजमेंट सीखा
कोटक महिंद्रा बैंक के सामने सबसे बड़ी चिंता अनसेक्योर्ड लोन की ग्रोथ की है। इसको लेकर बैंक प्रबंधन पहले ही चिंता जता चुका है
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दीपक गुप्ता को दो माह के लिए कोटक महिंद्रा बैंक का अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति 2 सितंबर से प्रभावी होगी। केंद्रीय बैंक ने शनिवार को निजी बैंक के बोर्ड द्वारा लिए गए फैसले को मंजूरी दी है। यह स्थान मशहूर बैंकर और बैंक के संस्थापक सदस्य उदय कोटक के इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुआ है। आरबीआई ने एक पत्र के माध्यम से बैंक को मंजूरी के बारे में अवगत कराया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह अल्पकालिक नियुक्ति इस बात का संकेत है कि केंद्रीय बैंक उदय कोटक के उत्तराधिकारी पर जल्द ही फैसला लेने वाला है।
इससे पहले, कोटक ने बताया था कि बैंक ने उम्मीदवारों के नामों की समय सीमा समाप्त होने से पहले केंद्रीय बैंक को दो उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की थी। कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ पद के लिए दो लोगों के नाम लिए जा रहे हैं। इनमें एक हैं शांति एकंबरम, जो वर्तमान में बैंक के उपभोक्ता बैंकिंग डिवीजन के प्रमुख हैं, और दूसरे हैं केवीएस मणियन, जो 1994 से बैंक के साथ हैं और कॉर्पोरेट, संस्थागत और निवेश बैंकिंग की जिम्मेदारी संभालते हैं।
दीपक गुप्ता एमडी- सीईओ बनाये जाने से पहले कोटक महिंद्रा बैंक के दूसरे सबसे सीनियर एग्जिक्यूटिव थे। बैंक में वह कई बड़ी भूमिकाएं निभा चुके हैं। वह आईटी, साइबर सिक्योरिटी, कस्टमर एक्सपीरियंस और बिजनेस इंटेलिजेंस के हेड के पद पर रह चुके हैं। दीपक गुप्ता ने कोटक महिंद्रा फाइनेंस (केएमएफएल) में 1999 में नौकरी शुरू की थी। कोटक महिंद्रा बैंक को स्थापित करने में उनकी काफी अहम भूमिका मानी जाती है।
2003 में कोटक महिंद्रा बैंक को एनबीएफसी से बैंक का दर्जा मिल गया था। दीपक गुप्ता कोटक महिंद्रा प्राइम्स का पहला सीईओ बनाया गया। यह केएमएफएल और फोर्ड क्रेडिट का ज्वाइंट वेंचर था। कोटक में नौकरी करने से पहले दीपक गुप्ता ने एएफ फार्गुशन के कंसल्टेंसी डिवीजन में काम किया था। कुल मिलाकर कारपोरेट जगत में दीपक गुप्ता एक अनुभवी व्यक्ति हैं।
कोटक महिंद्रा के नए सीईओ दीपक गुप्ता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने आईआईएम-अहमदाबाद में मैनेजमेंट सीखा। सीईओ बनने के बाद दीपक गुप्ता के पास बड़ी जिम्मेदारी सामने आयी है। बैंक के सामने सबसे बड़ी चिंता अनसेक्योर्ड लोन की ग्रोथ है। इसको लेकर विश्लेषक चिंता जता चुके हैं। इस वर्ष जून 2023 में कुल लोन बुक में रिटेल अनसेक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी 10.7 फीसदी थी। हालांकि, कोटक महिंद्रा बैंक के रिटेल माइक्रोफाइनेंस लोन में 91 फीसदी उछाल पिछले साल देखने को मिला है। वर्तमान में उदय कोटक और उनके परिवारकी बैंक में हिस्सेदारी 25.95 फीसदी है। जबकि, बैंक के पेड-अप कैपिटल में 17.26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
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