रेटिंग एजेंसी S&P ने घटाया GDP वृद्धि दर का अनुमान Kavita Singh Rathore -RE
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रेटिंग एजेंसी S&P ने घटाया GDP वृद्धि दर का अनुमान

अब एक बार फिर देश की GDP में गिरावट देखने को मिल रही है। इसका अंदाजा तब हुआ जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स के ताजा अनुमान के आंकड़े जारी किए और इनमे गिरावट देखी गई।

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। चीन से फैलने वाले कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इन्हीं देशों में भारत का नाम भी बड़े स्तर पर शामिल है, क्योंकि यहां महंगाई भी लगातार बढ़ रही है और भारत की अर्थव्यवस्था काफी गिरती नज़र आ रही है। हालांकि, पिछले कुछ समय में हल्का फुल्का सुधार देखा गया था, लेकिन अब एक बार फिर देश की GDP में गिरावट देखने को मिल रही है। इसका अंदाजा तब हुआ जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स के ताजा अनुमान के आंकड़े जारी किए और इनमे गिरावट देखी गई।

GDP की दर का अनुमान :

दरअसल, भारत की अर्थव्यवस्था अलग-अलग कारणों के चलते पिछले कुछ समय से लगातार गिरती नजर आ रही है। वहीं, अब भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान जताते हुए रेटिंग्स एजेंसी S&P ने भी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। S&P ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 7% कर दिया है। साथ ही एजेंसी ने यह भी कहा है कि, 'घरेलू मांग की वजह से अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सुस्ती का प्रभाव कम होगा।' हालांकि, इससे पहले एजेंसी द्वारा जारी अनुमान के अनुसार, सितंबर में भारत की जीडीपी (GDP) वृद्धि दर 2022-23 में 7.3% और 2023-24 में 6.5% होने का अनुमान जताया गया था।

अर्थशास्त्री का कहना :

S&P ग्लोबल रेटिंग्स के एशिया प्रशांत क्षेत्र के मुख्य अर्थशास्त्री लुइस कुइज्स ने कहा, 'वैश्विक नरमी का भारत जैसी घरेलू मांग आधारित अर्थव्यवस्थाओं पर कम प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।' जबकि, S&P द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिये जारी की गई तिमाही आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'कुछ देशों में कोविड के बाद मांग में जो सुधार हो रहा है, उसमें और तेजी की उम्मीद है। इससे भारत में अगले साल आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।'

मुद्रास्फीति को लेकर एजेंसी का कहना :

मुद्रास्फीति के बारे में रेटिंग एजेंसी S&P का कहना है कि, 'यह चालू वित्त वर्ष में औसतन 6.8% रहेगी और भारतीय रिजर्व बैंक की मानक ब्याज दर मार्च 2023 में बढ़कर 6.25% होने की संभावना है 

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