राज एक्सप्रेस। भारतीय रेलवे देशभर में यात्रियों की सुविधा के लिए अनेक निर्माण कार्य करता है। इसी कड़ी में रेलवे द्वारा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) का निर्माण किया जा रहा है। जो कि, काफी तेजी से किया जा रहा है, इस बारे में जानकारी रेलवे मिनस्ट्री ने अपने एक ट्वीट द्वारा दी है।
रेलवे मिनस्ट्री ने दी जानकारी :
दरअसल, देश के प्रधानमंत्री ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में खुर्जा और भाऊपुर के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) का उद्घाटन किया था। जिसका कार्य कुछ समय पहले ही शुरू हुआ था, लेकिन अब इसका कार्य तेजी से प्रगति पर है और ऐसा लग रहा है जैसे जल्द ही पूरा हो जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए रेलवे मिनस्ट्री ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में रेलवे की तरफ से एक वीडियो शेयर किया गया है। बता दें, सरकार द्वारा दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) निर्मित किये जा रहे हैं। रेलवे मिनस्ट्री की तरफ वीडियो शेयर करते हुए से लिखा गया कि,
दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से किया जा रहा है डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण!रेलवे मिनस्ट्री
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की खासियत :
जानकारी के लिए बता दें, रेलवे द्वारा निर्मित किया जा रहा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) 351किमी. लंबे खंड और एक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (OCC) है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) भारत की एक सबसे बड़ी यानी 1,839 किलोमीटर लंबी रेल अवसंरचना परियोजना है। इसका निर्माण कार्य साल 2006 में शुरू किया गया था। इसका निर्माण उच्च गति और उच्च क्षमता वाले विश्व स्तरीय तकनीक को ध्यान में रख कर किया जा रहा है। हालांकि, यह भी अन्य की तरह ही एक रेल मार्ग ही है, लेकिन इसे विशेष तौर पर माल एवं वस्तुओं के परिवहन के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा यह 351 किमी. लंबा ये कॉरिडोर ‘न्यू भूपुर-न्यू खुर्जा खंड’ ’मौजूदा कानपुर-दिल्ली लाइन पर भीड़ कम करने में माद्दा करेगा। इसके अलावा इसके कारण मालगाड़ियों की गति 25 किमी. प्रति घंटा से 75 किमी. प्रति घंटा हो जाएगी।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु :
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब में साहनेवाल (लुधियाना) से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होता है।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के मार्ग में कोयला खदानें, थर्मल पावर प्लांट पड़ेंगे।
इस कॉरिडोर के मार्ग में औद्योगिक शहर जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्य पड़ेंगे।
इस परियोजना का ज्यादातर हिस्सा विश्व बैंक द्वारा फाइनेंस किया गया है।
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु :
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) 1504 किलोमीटर लंबा होगा।
यह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (महाराष्ट्र) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक तैयार किया जा रहा है।
यह देश के हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख बंदरगाहों से होकर गुज़रता है।
यह जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा फाइनेंस किया गया है।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण आपस में जोड़ने के लिये दादरी और खुर्जा के बीच एक खंड में किया जा रहा है।
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निर्माण के फायदे :
इसके निर्माण से रसद लागत कम हो जाएगी।
उच्च ऊर्जा दक्षता।
इस कॉरिडोर की मदद से माल की तीव्रता से आवाजाही हो सकेगी।
इसे पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाया जा रहा है।
यह व्यापार को सुगमता प्रदान करेगा।
इसका निर्माण से रोज़गार सृजन में सहायक होगा।
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