हाइलाइट्स :
राहुल बजाज ने डायरेक्टर का पद छोड़ने का फैसला लिया
राहुल बजाज के कार्यकाल की अवधि होगी 31 मार्च 2020 को समाप्त
इस फैसले के बाद संभालेंगे कंपनी में नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद
75 साल की उम्र में स्वेच्छा से लिया फैसला
राज एक्सप्रेस। बहुत साल पुरानी जानी-मानी वहां निर्माता कंपनी बजाज ऑटो (Bajaj Auto) में डायरेक्टर का पद संभल रहे राहुल बजाज ने 75 साल की उम्र में अपना एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद स्वयं छोड़ने का फैसला लिया है। हालांकि, उनके कार्यकाल की समय अवधि इसी साल 31 मार्च, 2020 को समाप्त होनी थी। उनके इस फैसले के बाद उन्हें कंपनी में नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद मिलेगा। इस पद पर आने के बाद राहुल बजाज, बजाज ग्रुप द्वारा लिए किसी भी फैसले में सीधे कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे। इस बात की जानकारी बजाज कंपनी ने गुरुवार को ही दी।
राहुल बजाज का कार्य काल :
राहुल बजाज को बोर्ड द्वारा अप्रैल 2015 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन (डायरेक्टर) के पद के लिए नियुक्त किया था। उन्हें 5 साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल तब से लेकर 31 मार्च 2020 तक का होना था, लेकिन उन्होंने यह समय पूरा होने से पहले ही अपना पद छोड़ने का फैसला ले लिया। कंपनी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने यह फैसला कुछ प्रतिबद्धताओं के चलते लिया है। उन्होंने बजाज कंपनी को साल 1965 में ज्वाइन किया था। उनकी देख-रेख में बजाज ग्रुप का टर्नओवर 7.2 करोड़ से बढ़कर 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया था। इतना ही नहीं उनकी देख-रेख में ही यह कंपनी स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बनी थी।
2005 में अपने बेटे को दी जिम्मेदारी :
राहुल बजाज ने साल 2005 में अपने बेटे राजीव को बजाज कंपनी की जिम्मेदारी सौंप दी थी और तब से कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ही हैं, इसके बाद से कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न केवल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के घरेलू बाजार में बढ़ी साथ ही कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कंपनी ने खूब नाम कमाया।
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