पाकिस्तान में बढ़ी गरीबी दर Social Media
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लगातार गिरती ही जा रही पाकिस्तान की माली हालत, बढ़ी गरीबी दर

पाकिस्तान के हालात पहले ही महंगाई के चलते कुछ सही नहीं रहते हैं, ऐसे में अब पाक की माली हालत और ज्यादा गिरती नज़र आ रही है क्योंकि, यहां अब गरीबी दर बढ़ने से हालात और ज्यादा बदतर हो गए हैं।

Kavita Singh Rathore

पाकिस्तान, दुनिया। भारत के पड़ोसी या कहें दुश्मन देश पाकिस्तान की गिनती दुनियाभर के गरीब देशों में होती है।यहां हालात पहले ही महंगाई के चलते कुछ सही नहीं रहते हैं, ऐसे में अब पाक की माली हालत और ज्यादा गिरती नज़र आ रही है, क्योंकि, यहां अब गरीबी दर बढ़ने से हालात और ज्यादा बदतर हो गए हैं। इस बारे में जानकारी पाक के एक उर्दू अखबार इंतेखाब डेली के हवाले से सामने आई है।

पाक के हालात हुए और खराब :

दरअसल, पाकिस्तान के आर्थिक हालात पहले ही काफी खराब रहते हैं ऐसे में अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे पाक के आर्थिक हालात को लेकर चिंता और बढ़ गई है। क्योंकि, पाकिस्थान के प्रसिद्ध उर्दू अखबार इंतेखाब डेली ने पाक में इन दिनों चल रही बुरी स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि, पाक में गरीबी दर में बढ़त दर्ज हुई है और यह बढ़कर 35.7% हो गई है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ी हैं। ऐसे में खाद्य पदार्थों की कीमत में 20 से 31% की वृद्धि दर्ज हुई है। इसके अलावा पाक वैश्विक गरीबी सूचकांक की लिस्ट में 116 देशों में से 92वें स्थान पर आ गया है। इसके अलावा इस इंतेखाब डेली की तरफ से पाक सरकार को सुझाव भी दिया गया है।

इंतेखाब डेली का सुझाव :

पाक के एक उर्दू अखबार इंतेखाब डेली की तरफ से सरकार को सुझाव दिया गया है कि, 'सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली बनाए क्योंकि इसके कारण पिछले कुछ वर्षों से खाद्य सुरक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश की खाद्य सुरक्षा पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों, अफगानिस्तान के साथ संघर्ष और मौसम परिवर्तन से प्रभावित हो चुकी है। बढ़ती महंगाई ने इसे और भी खराब कर दिया है। तेजी से व लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों को उनके भोजन और बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर दिया है।'

स्थानीय मीडिया कवीश द्वारा जारी रिपोर्ट :

पाकिस्तान के अन्य स्थानीय मीडिया कवीश द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि, 'देश की माली हालत बहुत खराब नज़र आ रही है। यहां कराची हवाई अड्डे से अपना माल बाहर निकालने के लिए व्यापारिक समुदाय के लोग आयात खेप निकासी के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। बैंकों में डॉलर की किल्लत से यह स्थिति पैदा हुई है। डॉलर का परिदृश्य देश में ऐसी सबसे अविश्वसनीय स्थिति में पहुंच गया है। कारोबारी समुदाय इस बात को लेकर चिंतित है कि कराची बंदरगाह से अपना माल कैसे निकाला जाए। वित्त मंत्रालय इन हालात पर काबू पाने में नाकाम रहा है।'

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