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प्रधानमंत्री ने ASSOCHAM कार्यक्रम में की अर्थव्यवस्था पर बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित ASSOCHAM के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। यहाँ उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था और 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी जैसे गहन मुद्दों पर भी बात की।

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • शुक्रवार को ASSOCHAM कार्यक्रम में पहुंचे मोदी

  • 100 साल पूरे होने के अवसर पर रखा गया था कार्यक्रम

  • 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी पर की बात

  • अर्थव्यवस्था की स्थिति पर की बात

राज एक्सप्रेस। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। यह कार्यक्रम ASSOCHAM (एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) के 100 साल पूरे होने के अवसर पर रखा गया था। यहां PM मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर बात की। उन्होंने 5 ट्रिलियन इकॉनमी की भी बात की। उन्होंने एसोचैम को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, "एसोचैम ने 100 वर्ष का अनुभव पूरा किया जो एक अहम पड़ाव है। 100 वर्ष का अनुभव बहुत बड़ी पूंजी है। मैं एसोचैम के सभी सदस्यों को इस महत्वपूर्ण पड़ाव को पार करने के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का मुद्दा :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि, भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात अचानक आई है ऐसा नहीं है, बीते पांच वर्षो में देश ने खुद को इतना मजबूत किया है कि इस तरह के लक्ष्य रखे भी जा सकते हैं और उन्हें प्राप्त भी किया जा सकता है। कुछ साल पहले हमारी अर्थव्यवस्था डिजास्टर की तरफ बढ़ रही थी हमारी सरकार ने न सिर्फ इसे रोका है बल्कि अर्थव्यवस्था में डिसिप्लिन लाने का प्रयास भी किया है भारत की अर्थव्यवस्था तय नियमों के अनुसार चले इसके लिए हमने कई परिवर्तन भी किये हैं। हम तय लक्ष्यों की तरफ बढ़ें इसलिए दशकों पुरानी मांगों को पूरा करने पर ध्यान दिया। यही वजह है कि, आज 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के लिए मजबूत आधार बना है।

कमजोरियों को ठीक करने की बात :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस मौके पर कहा कि, उनकी सरकार ने अर्थव्यवस्था की पिछली कमजोरियों को ठीक किया है, उन्होंने उद्योगपतियों से "व्यावसायिक रूप से निवेश करने" का आग्रह किया है, उन्होंने कहा कि,

"मैं बैंकिंग और कॉर्पोरेट जगत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि, हम काफी हद तक सिस्टम की कमजोरियों को दूर करने में सक्षम हैं और इसलिए अब उन्हें बिना किसी से डरे निवेश करने के फैसले लेना चाहिए।"
नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री

वित्त मंत्री का आग्रह:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इंडिया इंक से आग्रह किया है कि, खुद पर संदेह करना बंद कर दें और जानवर की प्रवृत्ति से बाहर आने के का आग्रह किया। उनका कहना था कि, अब निवेश के लिए डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बजट लागू होने के बाद से देश में उसके परिणाम दिखाना शुरू हो गए हैं।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा :

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में चल रही आर्थिक मंदी के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि, मैं देशकी वर्तमान अर्थव्यवस्था की स्थिति से अवगत हूँ। मैं उन्हें चुनौती नहीं देता, लेकिन हमे ये भी याद रखना होगा कि, पिछली सरकार के दौरान, एक तिमाही में GDP की दर 3.5% तक गिर गई थी और CPI इन्फ्लएंस 9.4% पर छू रही थी और राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6% रह गया था। पहले भी अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आते रहे थे। हमारे देश में ऐसी परिस्थितियों से बाहर आने की क्षमता है और यह होगा भी।

मोदी ने आश्वासन देते हुए कहा :

मोदी ने कंपनी अधिनियम में आपराधिक प्रावधानों को हटाने के लिए उद्योग को आगे की कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि, व्यापार विफलता एक अपराध नहीं है। कंपनियां वित्तीय प्रबंध पर ध्यान न देने के कारण ही विफल नहीं होती है। जिनमें रिस्क लेने की हिम्मत और जोखिम उठाने की क्षमता होती है वही देश और समाज को चला सकता है।

देशवासियों का अचीवमेंट :

उन्होंने कहा, आमतौर पर सरकार एक टारगेट निर्धारित करती है, उसके लिए रोडमैप तैयार करती है, सरकारी मशीनरी को काम बांटती है। इस तरीके को मैं गलत नहीं कहता लेकिन जबतक कि पूरा देश लक्ष्य को पार करने के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में परिवर्तन नहीं करता है, वह एक सरकारी कार्यक्रम बन जाता है। उन्होंने आगे कहा, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य सामने आते ही मुझे मालूम था कि सुगबुगाहट शुरू होगी। यह भी मालूम था कि नकारात्मकता प्रकट की जाएगी। मुझे मालूम था कि यह विश्वास से कहा जाएगा कि भारत यह नहीं कर सकता लेकिन मुझे खुशी है कि, इकॉनमी को गति देने वाले जितने भी समूह हैं, वे इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कोशिश जरूर करते हैं। यह सरकार का अचीवमेंट नहीं होता है, देशवासियों का अचीवमेंट होता है।

अन्य मुद्दों पर बात :

इस कार्यकम में मोदी ने लक्ष्य को लेकर सक्रियता पर, किसानों की मदद को लेकर, भारत में बढ़ते डिजिटल ट्रांजेक्शन, GST, आधार पैन लिंक, एयरपोर्ट पर टर्नअराउंड टाइम का कम होने की बात, ऑटोमेशन के जरिए काम करने, मजदूर, व्यापारी और उद्योग जगत सबकी सुनने की बात जैसे बहुत से मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा सरकार ने इन सभी कार्यो को मॉर्डनाइज तरीके से करने की कोशिश की है।

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