राज एक्सप्रेस। बीते दिनों पाक की इंटरनेशनल एयरलाइंस PIA से जुड़ी कई खबरें सामने आती रही हैं। कभी PIA के 150 पायलटों पर फर्जी लाइसेंस रखने के आरोप के चलते रोक लगा दी गई तो कभी किसी देश ने PIA की फ्लाइट्स पर बैन लगा दिया था। वहीं, अब पाकिस्तान की इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार PIA अपने यात्री विमान के जब्त होने के चलते चर्चा में है। जिसे पाक के ही दोस्त देश मलेशिया ने जब्त कर लिया है।
मलेशिया ने जब्त किया PIA का विमान :
वर्तमान समय में पहले ही पाकिस्तान की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान के ही दोस्त देश मलेशिया ने पाक का गरीबी में आटा गीला कर दिया है। दरअसल, मलेशिया जो पाक का दोस्त होने का दावा करता है उसी ने पाक की सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (PIA) के एक बोइंग 777 यात्री विमान को जब्त कर लिया है। यह पाक के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। बता दें, यह विमान मलेशिया द्वारा लीज पर लिया गया था और पैसा न चुकाने के चलते जब्त कर लिया गया है।
पाकिस्तानी अखबार के अनुसार :
पाकिस्तान के एक अखबार के अनुसार, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स के पास कुल 12 बोइंग 777 विमान हैं। इन विमानों को विभिन्न कंपनियां समय-समय पर ड्राई लीज पर लेती है। इसी प्रकार मलेशिया द्वारा लीज पर लिए विमान को जब्त कर लिया गया है। क्योंकि लीज पर लेते समय तय की गई शर्त के मुताबिक कंपनी पैसा नहीं चुका सकी थी। बता दें, इस विमान को क्वालालंपुर में जब्त किया गया है। इसी दौरान जब क्वालालंपुर एयरपोर्ट पर विमान को जब्त किया जा रहा था तब यात्री और चालक दल को विमान से बेइज्जत करके उतार दिया गया था।
प्लेन क्रेश होने के बाद सामने आया सच :
बताते चलें कि, पाकिस्तान में एक कराची प्लेन क्रैश होने के बाद से इस मामले की जांच के दौरान कई मामले सामने आये थे। इसके अलावा फर्जी पायलटों का पर्दाफाश हुआ था। इसी विमान हादसे के दौरान PIA जेट क्रैश हो से फ्लाइट में सवार 97 यात्रियों की मौत हो गई थी। तब जांच के दौरान सब खुलासा हुआ और पाक ने कई पायलटों पर रोक भी लगा दी थी। इसके अलावा पाकिस्तान ने ऐसे पायलट के खिलाफ भी कदम उठाया था जिनके लाइसेंस और क्वालिफिकेशंस को लेकर गलत जानकारियां दी गईं थीं।
कराची प्लेन क्रैश की रिपोर्ट सामने आने पर पता चला कि, PIA एयरलाइंस में पायलटों की नियुक्ति पॉलिटिकल प्रेशर और उनकी ही दखल से की जाती है। वहीं, साल 2019 की फरवरी में इस मामले की जांच शुरू हुई, तो खुलासा हुआ कि 262 पायलटों ने इस नौकरी की परीक्षा में अपनी जगह किसी अन्य व्यक्ति को भेज कर एग्जाम देकर होकर पायलट बने। इसलिए इनके पास जरूरी फ्लाइंग अनुभव नहीं था।
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