Petrol-Diesel Price : आज देश की सबसे बड़ी दो समस्याओं में से एक धीरे-धीरे करके कुछ कम होती नजर आ रही है, लेकिन दूसरी तो कम होने का नाम ही नहीं ले रही है यानी कि, देश में कोरोना के मामलों में तो पिछले कुछ दिनों से फिर भी कमी देखने को मिल रही है, लेकिन Petrol-Diesel की कीमतें तो लगातार आसमान ही छूती चली जा रही हैं। हालांकि, इस महीने पिछले कुछ दिनों से कीमतें लगातर स्थिर हैं। ऐसे में सरकार ने पिछले दिनों इन कीमतों को लेकर हाथ खड़े कर लिए थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए लोगों को कुछ राहत की उम्मीद दी है। इस बारे में जानकारी पेट्रोलियम मंत्री ने एक बयान जारी कर दी है।
पेट्रोलियम मंत्री का बयान :
दरअसल, केंद्र सरकार ने Petrol-Diesel की कीमतों को लेकर एक योजना तैयार की है जिसको लेकर सरकार ने कुछ अहम फैसले लिए हैं। इन फैसलों से Petrol-Diesel की कीमतों में बड़ी राहत मिल सकती है। इस मामले में जानकारी देते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में बयान जारी कर बताया है कि,
'पूरे देश में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों को एकसमान बनाये रखने के लिये कोई योजना विचाराधीन नहीं है और अभी तक GST परिषद ने तेल और गैस को GST में शामिल करने की कोई सिफारिश नहीं की है। पेट्रोल, डीजल की कीमतों का निर्धारण वैश्विक बाजार में चल रहे रेट के आधार पर किया जाता है। भारत अपनी ईंधन की कुल जरूरतों का करीब 85% दूसरे देशों से आयात करता है और वैश्विक बाजार में कीमतों का निर्धारण तेल का आयात उत्पादन और निर्यात करने वाले देश करते हैं।'हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री
सदस्यों के सवाल पर दिया उत्तर :
बताते चलें, लोकसभा में हो रही बैठक के दौरान उदय प्रताप सिंह और रोडमल नागर द्वारा उठाए गए प्रश्न पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लिखित में उत्तर देते हुए यह जानकारी दी है। बता दें, सदस्यों का सवाल था कि,
क्या सरकार पूरे देश में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों को एक समान बनाये रखने के लिये कोई योजना तैयार कर रही है।
‘‘ऐसी कोई योजना सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है। पेट्रोल एवं डीजल के मूल्य, वैट (मूल्य वर्धित कर), स्थानीय वसूलियों जैसे घटकों के कारण विभिन्न बाजारों में अलग-अलग होते हैं।'
अन्य प्रश्न का उत्तर :
सदस्यों द्वारा पूछे गए एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, 'साल 2010 से संप्रग सरकार के समय से ही पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर तय होती हैं। केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 32 रूपये लिये जाते हैं और इसका उपयोग 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सहायता देने के अलावा लोगों को नि:शुल्क टीका लगाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि में किया जाता है।'
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