Pakistan will remain in FATF Gray List Social Media
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पाकिस्तान के FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के आसार हुए कम

हाल ही में खबर आई थी कि, पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के आसार नजर आरहे थे। हालांकि, अब पाक के इस लिस्ट से बहार निकलने के कोई असर नजर नहीं आरहे हैं।

Author : Kavita Singh Rathore

पाकिस्तान। हाल ही में खबर आई थी कि, पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के आसार नजर आरहे थे। हालांकि, अब पाक के इस लिस्ट से बहार निकलने के कोई असर नजर नहीं आरहे हैं। जानकारी के लिए बता दें, FATF एक ऐसी वैश्विक संस्था है जो, पाक के मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने का कार्य करती है।

FATF की ग्रे लिस्ट :

दरअसल, अब पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के आसार कम इसलिए हो गए हैं क्योंकि, पाक भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद पर कार्रवाई न करने में नाकाम रहा हैं। इसके साथ ही पाक FATF के 6 मुख्य दायित्व को पूरा करने में भी नाकाम रहा है। हालांकि, पाकिस्तान पर फैसला आना अभी बाकि हैं, लेकिन पाक के ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए पाक को 39 देशों में से 12 वोट की जरूरत होगी। पाक को ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए पाक को कम से कम 3 देशों का समर्थन चाहिए।

वर्चुअल बैठक :

खबरों की मानें तो फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल बैठक 3 दिन के लिए आयोजित की जाएगी। जो कि, 21 से 23 अक्टूबर तक होगी। इस बैठक के दौरान पाकिस्तान इस ग्रे लिस्ट में रहेगा या नहीं इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। FATF ने पाकिस्तान को 27 दायित्व का एक्शन प्लान दिया था, इनमें से पाक द्वारा 21 दायित्व ही पूरे किये गए हैं। जानकारी के अनुसार, आधिकारिक सूची से अचानक चार हजार आतंकियों का नाम गायब होने से पाक की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। उधर खबरें यह भी हैं कि, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी देश भी पाक की सरजमीं से चल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर इस्लामाबाद से संतुष्ट नहीं हैं।

FATF की ग्रे सूची से बाहर न निकलने की हालत में :

यदि पाक FATF की ग्रे सूची से बाहर नहीं निकलता है तो, उसके लिए FATF, एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक मदद मिलना मुश्किल होगा। इसके अलावा पाकिस्तानी अधिकारी अवैध धन और मूल्य हस्तांतरण सेवाओं के खिलाफ सहयोग कर रहे हैं या नहीं। इस बात पर भी गौर किया जाएगा। बताते चलें, FATF की बैठक पहले जून में आयोजित होनी थी जो, कोरोना के चलते टालनी पड़ी थी।

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