राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों की 601वीं बैठक शुक्रवार को हैदराबाद में में हुई। इस बैठक में निदेशकों ने देश की आर्थिक नीति और भूराजनीतिक वैश्विक घटनाओं के पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा की। बैठक में अमेरिकी बैंकों के फेल होने के बाद पैदा हुए वित्तीय संकट पर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में अध्यक्षता करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में अमेरिका जैसा वित्तीय संकट नहीं खड़ा हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारी बैंकिंग प्रणाली बहुत मजबूत है। इसलिए यहां ऐसे संकट प्रभावी नहीं हो सकते।
बैठक में आरबीआई बोर्ड ने हालिया लेखा वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक की गतिविधियों की समीक्षा की और 2023-24 के बजट को मंजूरी दी। बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। इस बैठक में केंद्रीय बैंक के चार गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल पात्र, एम राजेश्वर राव और टी रबी शंकर ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर अन्य निदेशक सचिन मराठे, सचिन चतुर्वेदी, पंकज पटेल और रवींद्र ढोलकिया भी उपस्थित थे। इस बैठक में वित्त मामलों विभाग के सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी भी मौजूद थे।
यह बैठक अमेरिका में बैंक संकट के परिप्रेक्ष्य में हुई है। अमेरिका में बैंक संकट के कारण सिलिकन वैली बैंक धराशायी हो गया है। अमेरिका के बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल के बीच अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने भविष्य के लक्ष्यों को देखते हुए अपनी व्याजदरों में बढ़ोतरी की है। बैठक में कहा गया है कि यद्यपि अमेरिका में बैंक फेल हो रहे हैं और इसके सीधे या अप्रत्यक्ष प्रभाव दुनिया भर के वित्तीय बाजारों पर दिखाई दे रहा है, इसके बाद भी भारतीय बैंकिंग प्रणाली, किसी जोखिम से अप्रभावित रहते हुए, सहज गति से आगे बढ़ती रहेगी।
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