राज एक्सप्रेस। देश की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) हमेशा काफी अलर्ट रहती है और सूत्रों द्वारा जानकारी मिलते ही छानबीन और छापामारी शुरू कर देती है। साथ ही बड़ी कार्रवाई भी करती है। पिछले दिनों ऐसी एक खबर आई थी कि, एक बड़ी कार्रवाई के तहत ED ने कई राज्यों में चीनी स्मार्टफोन मोबाइल निर्माता कंपनी 'वीवो' (Vivo) और उससे संबंधित कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। वहीं, अब दूसरी स्मार्टफोन कंपनी ओप्पो इंडिया (Oppo India) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ गई है।
Oppo India पर लगे आरोप :
दरअसल, चीन की बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में शुमार कंपनी ओप्पो इंडिया (Oppo India) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि, Oppo India ने भारत में करोड़ो की टैक्स चोरी की है। कंपनी ने ऐसा भारत में अपनी कमाई छिपाने और टैक्स न भरने के कारण किया है। कंपनी भारत में अपना नुकसान दिखाती रही, जिससे वह टैक्स से बच सके। इतना ही नहीं Vivo की तरह Oppo पर भी आरोप लगे है कि, ये कंपनी भारत में अपनी कमाई छिपाने, घाटा दिखाकर अवैध तरीके से पैसा चीन भेज रही थी। डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) द्वारा Oppo India पर 4,389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी का आरोप लगाया गया है। साथ ही कंपनी पर गलत तरीके से छूट का फायदा उठाने का भी आरोप लगा है।
जारी किया गया कारण बताओ नोटिस :
बताते चलें, डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) द्वारा इस मामले को लेकर चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Oppo को 8 जुलाई 2022 को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। हालांकि, इस मामले में अब तक कंपनी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। बता दें, Oppo India चीन की कंपनी Guangdong Oppo Mobile Telecommu nications Corporation Ltd की भारत में सहयोगी कंपनी है और कंपनी भारत में मोबाइल हैंडसेट्स और उससे जुड़ी एक्सेसरीज की मैन्युफैक्चिरंग, असेंबलिंग, होलसेल ट्रेडिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का बिजनस करती है।
वित्त मंत्रालय का बयान :
वित्त मंत्रालय द्वारा एक बयान जारी कर कंपनी पर लगे आरोप के बारे में बताया गया है कि, 'जांच के दौरान कंपनी के ठिकानों और मैनेजमेंट के कई अधिकारियों के घर पर छापेमारी की गई। इस दौरान कई ऐसे सबूत मिले जिनसे पता चला कि, कंपनी ने मोबाइल फोन बनाने के लिए बाहर से मंगाए गए सामान के बारे में गलत जानकारी दी। इस तरह कंपनी ने गलत तरीके से 2981 करोड़ रुपये का फायदा उठाया। कंपनी ने गलत तरीके से विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों को रॉयल्टी और लाइसेंस फीस का भुगतान किया। इसे इंपोर्ट किए जाने वाले सामान की ट्रांजैक्शन वैल्यू में शामिल नहीं किया गया था। यह सीधे-सीधे कस्टम्स एक्ट, 1962 की धारा 14 का उल्लंघन है।'
वित्त मंत्रालय ने आगे बताया है कि, 'इस तरह कंपनी ने 1408 करोड़ रुपये की ड्यूटी नहीं चुकाई। कंपनी ने कस्टम ड्यूटी के रूप में स्वैच्छिक रूप से 450 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जांच पूरी होने के बाद कंपनी को 4,389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी के भुगतान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी, उसके कर्मचारियों और ओप्पो चाइना (Oppo China) के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।'
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