ओला इलेक्ट्रिक की नए शेयरों के जरिए 5,500 करोड़ जुटाने की योजना।
ऑफर फॉर सेल के माध्यम से की जाएगी 1,750 करोड़ के शेयरों की बिक्री
ओला ने 22 दिसंबर को आईपीओ के लिए सेबी को डीआरएचपी सौंप दिया।
राज एक्सप्रेस । इलेक्ट्रिक स्कूटर मेकर ओला इलेक्ट्रिक ने अपने आईपीओ की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। कंपनी ने 22 दिसंबर को आईपीओ के लिए सेबी को ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (डीआरएचपी) सौंप दिया है। उल्लेखनीय है कि ओला देश की पहली इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी है, जिसने आईपीओ लाने के लिए आवेदन किया है। डीआरएचपी के अनुसार इस इश्यू में नए शेयरों के जरिए 5,500 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से 1,750 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की जानी है। ओएफएस में ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल की ओर से लगभग 4.74 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा।
जबकि, आफर फार सेल में जापान का सॉफ्टबैंक, 2.39 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखेगा। बता दें कि साफ्टबैंक ने ओला में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इस तरह कंपनी का इरादा आईपीओ के माध्यम से 7,250 करोड़ रुपये जुटाने का है। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स या डीआरएचपी के विवरण के अनुसार, आफर फार सेल (ओएफएस) में 10 रुपये फेस वैल्यू के (फेस वैल्यू वह मूल्य है जिस पर कोई कंपनी आईपीओ के माध्यम से पहली बार अपना शेयर जारी करती है) 95,191,195 इक्विटी शेयर बिक्री के लिए रखे जाएंगे। भाविश अग्रवाल और सॉफ्टबैंक के अलावा, टेमासेक, टाइगर ग्लोबल, अल्फा वेव, टेक्ने कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स जैसे ओला इलेक्ट्रिक के मौजूदा निवेशक भी ऑफर फार सेल में अपने शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे।
ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में ओला इलेक्ट्रिक ने बताया है कि आईपीओ में नए शेयरों को जारी करने के एवज में आने वाले धन का प्रयोग कंपनी से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में किया जाएगा। कुल एकत्र होने वाले धन में से 1,226.4 करोड़ रुपए ओला सेल टेक्नोलॉजीज के गीगाफैक्ट्री प्रोजेक्ट पर खर्च किए जाएंगे। जबकि, रिसर्च और डेवलपमेंट (आरडी) पर 1,600 करोड़ रुपए रिसर्च और डेवलपमेंट पर खर्च किए जाएंगे। 350 करोड़ रुपए ऑर्गेनिक ग्रोथ पहलों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च किए जाने की योजना है। जबकि, 800 करोड़ रुपए का इस्तेमाल ओला इलेक्ट्रिक टेक्नॉलॉजीज के कर्ज चुकाने पर खर्च किए जाएंगे।
ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ में 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है। इश्यू के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, बीओएफए सिक्योरिटीज इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और बीओबी कैपिटल मार्केट्स, बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। आईपीओ के लिए रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम इंडिया है। वर्ष 2023 में कंपनी का राजस्व बढ़कर 2,630.93 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह 373.42 करोड़ रुपये था।
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