हाइलाइट्स :
सबसे ज्यादा ग्रॉस NPA वाला बैंक है IDBI बैंक
यस बैंक पर आये आर्थिक संकट का मुख्य कारण है NPA
HDFC बैंक वर्तमान में सबसे कम ग्रॉस NPA वाला बैंक है
NPA घोषित करने से पहले कंपनी को 3 महीने का समय मिलता है
राज एक्सप्रेस। एक समय था जब यस बैंक का नाम देश के सबसे अच्छे और खास सेवाएं देने वाले प्राइवेट बैंको की गिनती में 5वें नंबर पर हुआ करता था, लेकिन अचानक यस बैंक पर आये आर्थिक संकट के चलते बैंक पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। इतना ही नहीं यस बैंक को अर्थव्यवस्था के बिगड़ने के लिए तक जिम्मेदार माना जा रहा है। बैंको की हालत बिगड़ने का जिम्मेदार नॉन परफार्मिंग एसेट (NPA) को ही माना जाता है। चलिए, हम आपको देश के कई अन्य बैंक के NPA के गणित के बारे में बताते हैं।
आर्थिक संकट का मुख्य जिम्मेदार :
अचानक यस बैंक पर आये इस आर्थिक संकट का भी मुख्य जिम्मेदार बैंक के पीछे हजारों करोड़ रुपये के नॉन परफार्मिंग एसेट (NPA) को माना जा रहा है। बता दें बैंक की सेहत को हमेशा NPA के मापदंड में देखा जाता है। पूरे देश में जितने भी प्राइवेट बैंक हैं। उनमे से कई बैंको का कर्ज यहां-वहां फंसा हुआ है। इन बैंको की लिस्ट पर नजर डालें तो, सबसे पहले नाम आता है IDBI बैंक का। वहीं, यदि हम बैंकों के ग्रॉस NPA पर नजर डालें तो, सरकार की ओर से अभी जल्द ही प्राइवेट हाथों के हवाले करे गए IDBI बैंक का ग्रॉस NPA 28.7% है।
IDBI बैंक सहित अन्य बैंको के NPA :
IDBI बैंक का ग्रॉस NPA 28.7% है।
लक्ष्मी विलास बैंक का ग्रॉस NPA 23% है।
लक्ष्मी विलास बैंक का ग्रॉस NPA 23.3% है।
सरकारी क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस NPA 20% है।
सरकारी क्षेत्र के इस वित्तीय UCO बैंक का ग्रॉस NPA 19.5% है।
1 अप्रैल से इंडियन बैंक के साथ विलय होने वाले इलाहाबाद बैंक का NPA 18.9% है।
सबसे कम ग्रॉस NPA वाला बैंक वर्तमान में HDFC है और HDFC बैंक का ग्रॉस NPA 1.4% है।
बंधन बैंक का ग्रॉस NPA 1.9% है।
डीसीबी बैंक का ग्रॉस NPA 2.2% है।
इंडसइंड बैंक का ग्रॉस NPA 2.2% है।
कोटक महिंद्रा बैंक का ग्रॉस NPA 2.5% है।
क्या है NPA :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, NPA का फुल फॉर्म नॉन परफार्मिंग एसेट होता है और यह लिए गए कर्ज का ही एक हिस्सा होता है, जिसे बैंक द्वारा फंसा हुआ ही माना जाता हैं। यदि किसी भी कंपनी द्वारा लिए गए लोन की रकम के ब्याज को तीन महीने तक भुगतान न किया जाये तो उस लोन को NPA में शामिल कर दिया जाता है।
नोट : लोन की किस्त या फिर ब्याज न चुकाने पर बचे हुए अमाउंट को NPA घोषित किया जाता है।
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