2023-24 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है।
आयकर विभाग लोगों को दे रहा है जल्द से जल्द आईटीआर भरने की सूचना
अंतिम समय में आईटीआर भरने में होगी परेशानी, इसलिए पहले से तैयारी करें
बहुत सारे लोग नहीं जानते कि आईटीआर भरने के लिए क्या-क्या होता है जरूरी
राज एक्सप्रेस। आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि नजदीक आ गई है। एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है। पिछली बार छह करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने आईटीआर भरा था। आखिरी दो दिन में करीब दो करोड़ आईटीआर भरे गए थे। आयकर विभाग रोज टैक्सपेयर्स को मेसेज भेजकर समय पर आईटीआर भरने का अग्रह कर रहा है। अंतिम समय में आईटीआर भरने में परेशानी हो सकती है। बहुत सारे लोग नहीं जानते कि आईटीआर भरने के लिए क्या-क्या जरूरी है।
एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2023 है। इसमें अब कम ही दिन बचे हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी आईटीआर भरने की डेडलाइन बढ़ाए जाने की कोई उम्मीद नहीं है। इनकम टैक्स विभाग रोज टैक्सपेयर्स को मेसेज भेजकर जल्दी से जल्दी आईटीआर भरने को कह रहा है। आप घर बैठे-बैठे 10 मिनट में ऑनलाइन अपना आईटीआर भर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है, ताकि आप आसानी से अपना आईटीआर भर सकें।
नौकरीपेशा लोगों के लिए फॉर्म-16 अहम दस्तावेज होता है। इसी की मदद से आईटीआर फाइल किया जाता है। यह दस्तावेज किसी भी कर्मचारी को उसकी कंपनी की तरफ से दिया जाता है। हर कंपनी को 15 जून से पहले इसे जारी करना जरूरी है। इसमें कर्मचारी की सैलरी से टैक्स कटने की पूरी जानकारी होती है और साथ ही दी गई सैलरी की भी जानकारी होती है। यहां आपको बता दें कि हर नियोक्ता को अपने कर्मचारी को फॉर्म-16 देना जरूरी होता है। इसके दो हिस्से होते हैं। इससे जुड़ी जानकारी आईटीआर फॉर्म में पहले से मौजूद रहती है। आपको इसका मिलान करना होता है।
यह फॉर्म आयकर विभाग की तरफ से जारी किया जाता है। इसमें किसी भी टैक्सपेयर की आय पर लगे कर की पूरी जानकारी होती है। इसे आयकर विभाग की वेबसाइट से अपना पैन नंबर डालकर निकाला जा सकता है। आप चाहे तो अपने फॉर्म-16 और फॉर्म 26एएस की तुलना भी कर सकते हैं कि दोनों जगह टैक्स डिडक्शन समान है या नहीं। कई बार गलत पैन या एसेसमेंट ईयर डालने से काटे गए टीडीएस के बारे में फॉर्म 26एएस में जानकारी नहीं होती है। अगर ऐसा होता है तो आप इसके लिए क्लैम नहीं कर पाएंगे।
अगर आपने किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में किसी फिक्स डिपाजिट स्कीम में निवेश किया है या फिर किसी और ब्याज मिलने वाली स्कीम में पैसे जमा किए हैं, तो ब्याज से हुई आय का सर्टिफिकेट या फिर बैंक स्टेटमेंट रखना जरूरी है, ताकि आप उसकी सही जानकारी आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त भर सकें। आप आयकर कानून की धारा 80 टीटीए के तहत 10 हजार रुपये तक की ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग के लिए कई जगह निवेश करते हैं। जो लोग ये दस्तावेज अपने नियोक्ता को तय समय में नहीं दे पाते हैं, उन्हें आयकर रिटर्न फाइल करते समय इसका प्रूफ देने की जरूरत होती है। ये टैक्स सेविंग निवेश के प्रमाण एलआईसी प्रीमियम की रसीद, पीपीएफ में निवेश की पासबुक, ईएलएसएस का सबूत, दान की रसीद, ट्यूशन फीस की रसीद आदि हो सकती है।
सेक्शन 80डी के तहत आप 25 हजार रुपये तक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह बीमा पॉलिसी आपके लिए, आपके जीवनसाथी के लिए, बच्चों को स्वास्थ्य कवर देने के लिए हो सकती हैं। अगर आप सीनियर सिटिजन हैं, तो आप 50 हजार रुपये तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। आपको इन सभी योजनाओं की रसीद आयकर रिटर्न फाइल करते समय अपने साथ रखनी होगी।
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