बुरे वक्त में नहीं दिया था किसी ने अनिल अंबानी का साथ Social Media
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बुरे वक्त में नहीं दिया था किसी ने अनिल अंबानी का साथ, साल 2017 साबित हुआ था काफी बुरा

एक समय था जब अनिल अंबानी का भी खूब नाम था, लेकिन वह आज कई तरह की मुश्किलों में घिरे हैं और इस दौरान उनका किसी ने साथ नहीं दिया।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। दुनियाभर में जाने माने और भारत के सबसे बड़े ग्रुप रिलायंस ग्रुप के फाउंडर धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे अनिल अंबानी का नाम भी बड़े-बड़े व्यापारियों में शुमार है। वर्तमान में अनिल अंबानी कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और रिलायंस एनर्जी तथा पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के उप अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। अनिल अंबानी का नाम साल 2018 में आमिर लोग की लिस्ट में फोब्स में भी शामिल हो चुका है। अनिल अंबानी उत्तर प्रदेश विकास परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं, लेकिन इन सब के बाद भी वह आज कई तरह की मुश्किलों में घिरे है और इसका मुख्य कारण यह है कि, किसी ने उनका बुरे वक्त में नहीं दिया था।

काफी समय से मुश्किलों में घिरे है अनिल अंबानी :

दरअसल, कभी-कभी ऐसा होता है कि, हमें बस किसी के साथ की जरूरत होती है और यदि सही टाइम पर सही साथ मिल जाए तो, इंसान मुश्किलों से निकल जाता है, लेकिन यही कई बार बुरे वक्त में कोई साथ नहीं देता बल्कि कहावत है कि, अपने भी साथ छोड़ देते है। ऐसा ही कुछ हुआ अनिल अम्बानी के साथ। क्योंकि, एक समय हुआ करता था जब वह DA- IICT गांधीनगर के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर के अध्यक्ष हुआ करते थे। साथ ही वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर के सदस्य भी रह चुके हैं। इनके अलावा उन्हें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर के और केन्द्रीय सलाहकार समिति, केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग के एक सदस्य के तौर पर भी पहचान मिली है। इतनी पहचान मिलने के बाद भी वह आज काफी मुश्किलों में घिरे हुए है और उनकी कंपनियां लगातार घाटे में जाती जा रही है।

अनिल अंबानी का शुरुआती जीवन :

चलिए अनिल अंबानी से जुड़ी कुछ बातें जाने। तो सबसे पहले बात करते है उनके शुरुआती जीवन की। अनिल अंबानी का जन्म 4 जून 1959 को मुंबई में स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी के घर हुआ था। उन्होंने विज्ञान स्नातक की डिग्री मुंबई विश्वविद्यालय और MBA की डिग्री पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अपने पिता जी द्वारा मिले व्यवसाय अनिल धीरूभाई अंबानी समूह या कहें Reliance Group की भागदौड़ संभाली। उनकी माता का नाम कोकिलाबेन अंबानी, पत्नी का नाम टीना मुनीम अंबानी और बच्चों का नाम जय अनमोल अंबानी और जय अंशुल अंबानी है। उन्होंने अनिल अंबानी रिलायंस समूह को भारत की अग्रणी वस्त्र, पेट्रोलियम, पेट्रोरसायन, बिजली और दूरसंचार कंपनियों में शामिल किया था।

अनिल अंबानी को मिले सम्मान :

  • अनिल अम्बानी को भारत की प्रमुख व्यापार पत्रिका बिजनेस इंडिया द्वारा दिसम्बर 1997 में 'बिज्नेस्स्मन ऑफ़ दी इयर 1997 ' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

  • रिलायंस को इसके व्यवसाय क्षेत्रों में विश्व स्तर पर अग्रणी रूप में स्थापित करने में इनके योगदान के लिए दिसम्बर 2001 में व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम (WIEF) द्वारा पहले भारतीय व्हार्टन अलुमिनी अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

  • बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा अक्टूबर 2002 में 'दशक के उद्यमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

  • सितंबर 2003 में 'एमटीवी यूथ आइकोन ऑफ़ दी इयर' चुने गए।

  • 2004 में अनिल अम्बानी को प्रतिष्ठित प्लेत्ट्स ग्लोबल एनर्जी अवार्ड्स हेतु सीईओ ऑफ़ दी इयर के पद के लिए चुना गया।

  • 2006 में अनिल अम्बानी टाइम्स ऑफ इंडियाTNS चुनाव द्वारा बिजनेसमैन ऑफ़ दी इयर चुने गए थे।

शादी के लिए मुश्किलों का सामना :

अनिल अंबानी रिलायंस ग्रुप के फाउंडर धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे है। अनिल अंबानी की लव लाइफ भी किसी फिल्म से कम नहीं थी। उन्हें पहली नजर में बॉलीवुड एक्ट्रेस टीना मुनीम से प्यार तो हुआ लेकिन शादी के लिए उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनका परिवार टीना से शादी के सख्त खिलाफ था क्योंकि उन्हें टीना का एक्ट्रेस होना पसंद नहीं था। इसी कारण दोनों का ब्रेकअप भी हो गया था। 1989 में आये अमेरिका के भूकंप के दौरान हालचाल पूछने से यह दोनों एक बार फिर एक हो गए और 1991 में यह दोनों शादी के बंधन में बंध गए।

करियर की शुरुआत :

अनिल अंबानी ने अपने करियर की शुरुआत अपने स्वर्गीय पिता धीरूभाई अंबानी द्वारा स्थापित रिलायंस समूह से की थी। 1983 में अनिल अंबानी सहायक प्रमुख कार्यकारी अधिकारी के रूप में रिलायंस में शामिल हुए थे। कुछ ही समय में अनिल अम्बानी ने अपनी चार फर्म शुरू कर दी। जिनके नाम रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM), रिलायंस कैपिटल (RCL), रिलायंस एनर्जी (REL) और रिलायंस नेचुरल रेसौरसेस लिमिटेड (RNRL) करली। जिसमे निवेशकों की कुल संपत्ति 1,42,384 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जबकि प्रवर्तकों की कुल अनुमानित धारिता करीब 87,000 करोड़ रुपये हैं। अनिल अंबानी को आपार सफलता उनकी RCOM फार्म से प्राप्त हुई। इसका बाजार मूल्य 1,03,000 करोड़ रुपये हैं। इसके अलावा भी उनके पास RCL का बाजार मूल्य 24,000 करोड़ रुपये, REL का बाजार मूल्य 12,700 करोड़ रुपये और RNRL का बाजार मूल्य करीब 2,600 करोड़ रुपए हैं।

बुरे वक्त में नहीं दिया किसी ने साथ :

अनिल अंबानी के लिए साल 2017 बहुत बुरा और मुश्क‍िलों से भरा रहा। 2G केस में फंसने के कारण उन्हें बहुत ही बुरे हालात का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपने इस एक साल को लेकर बहुत सी बाते बताते हुए एक बार कहा था कि, ''इस दौरान सिर्फ चंद लोग ही मेरे साथ खड़े थे। इस वक्त में लोग मेरा फोन तक नहीं उठाते थे। वापस कॉल भी नहीं करते थे। कुछ लोग मेरे साथ दिखने से भी बचने लगे थे। वे मुझसे संपर्क भी नहीं करना चाहते थे, लेकिन ये हालात ही आपको बताते हैं कि कौन आपके दोस्त हैं और कौन आपके ख‍िलाफ। इसी दौरान आपको पता चलता है कि कौन से लोग आप से दूरी बनाने के लिए झूठे बहाने कर रहे हैं। ऐसे समय में अपने पिताजी को याद करता हूं।''

राजनीती में कदम :

अनिल अंबानी ने जून 2004 में, समाजवादी पार्टी के सहयोग से भारतीय संसद में, राज्य सभा- ऊपरी सदन के एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में भाग लिया था, लेकिन कुछ समय बाद मार्च 2006 में, उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

गौरतलब है कि, वर्तमान में वह किन हालातों से गुजर रहे है। उससे हर कोई वाकिफ है। उन्हें आज चारो तरफ से मुश्किलों ने घेर रखा है। घाटे और कर्ज के बोझ तले वह बहुत गहराई से डूबे हुए है। उनकी एक कंपनी दिवालिया प्रोसेस से तक गुजर रही है।

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