NITI Aayog Vice Chairman expressed estimates of Indian economy Social Media
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नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने जताया भारतीय अर्थव्यवस्था का अनुमान

एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से अभी तक परेशान है। इसी बीच नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान जताया गया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। बीता साल 2020 तो मानों जैसे भारत के लिए कोई बहुत बुरा समय लेकर आया था। जहां, एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से अभी तक परेशान है। वहीं, दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी को लेकर बड़े सवाल पैदा कर रही है। लगभग सभी देशों का हाल एक जैसा ही हो रहा है। इसी बीच नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान जताया गया है।

भारत की अर्थव्यवस्था :

दरअसल, भारत की अर्थव्यवस्था में आई मंदी का मुख्य कारण कोरोना वायरस को ही माना जा रहा है। ऐसे हालातों में गुरुवार यानी साल के आखिरी दिन नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में विकास दर को सकारात्मक रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि, 'भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 में 10% की दर से ग्रोथ करेगी। साथ ही अगले साल के आखिर तक देश की अर्थव्यवस्था प्री-कोविड वाली स्थिति में पहुंच जाएगी। नए साल से पहले अर्थशास्त्रियों ने भी अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि, अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।'

विकास की गति :

बताते चलें, कोरोना के चलते दुनियाभर के देशों के साथ ही भारत में भी विकास की गति मानो रुक सी गई थी। जबकि अप्रैल-जून की तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था (GDP) 0 से 24% तक नीचे पहुंच गई थी। उस समय भारत में बने गंभीर हालातों के बीच कोई भी अर्थशास्त्री GDP को लेकर कोई अनुमान बताने को तैयार नहीं था। किसी को यह अंदाजा नहीं था कि, देश की एक बार फिर कब तक बेहतरीन अवस्था में आएगा।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष का पूर्व बयान :

इससे पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने 2 दिसंबर 2020 में अपने पूर्व बयान में कहा था कि, 'चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी। केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है। इन कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह गलतफहमी तथा उनतक सही जानकारी नहीं पहुंचना है। इन चीजों को दूर करने की जरूरत है।'

उन्होंने आगे कहा था कि, 'दूसरी तिमाही के GDP आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोरोना महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में हम आर्थिक गतिविधियों का वहीं स्तर हासिल कर लेंगे, जो एक साल पहले रहा था। कुमार ने कहा कि चौथी तिमाही में GDP की वृद्धि दर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ेगी। हालांकि, यह बहुत अधिक नहीं होगी। कुमार ने कहा कि सरकार ने इस समय का इस्तेमाल कई संरचनात्मक सुधारों के लिए किया है। अभी कई सुधार पाइपलाइन में हैं।'

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