NCRTC ने की फ्रांस की सर्टिफर कंपनी से साझेदारी Syed Dabeer Hussain - RE
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रैपिड रेल योजना के लिए NCRTC ने की फ्रांस की सर्टिफर कंपनी से साझेदारी

भारत में रैपिड रेल योजना का भी काम जारी है। उसके लिए देश की राजधानी दिल्ली क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने फ्रांस की सर्टिफर कंपनी से साझेदारी की है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय में देश में काफी नयी तकनीक को अपनाया है। इसी कड़ी में भारत में रैपिड रेल योजना का भी काम जारी है। जिससे भारत में यात्रा को सुरक्षित और आसान बनाया जा सके। उसके लिए देश की राजधानी दिल्ली क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने फ्रांस की सर्टिफर कंपनी से साझेदारी की है।

फ्रांस की सर्टिफर कंपनी से साझेदारी :

दरअसल, दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को दिल्ली से मेरठ जाने का रास्ता आसान करने के मकसद से तैयार किया गया है। इसके पूरा होते ही दिल्ली से मेरठ तक जाने के लिए महज एक घंटे से भी कम समय लगेगा। इस योजना के लिए NCRTC ने फ्रांस की सर्टिफर कंपनी से साझेदारी कर ली है। फ्रांस की यह सर्टिफर कंपनी दिल्ली से मेरठ के बीच बन रहे रैपिड रेल कॉरिडोर के डिजाइन से लेकर संचालन तक एक-एक मानक की जांच कर प्रमाणित करेगी। इसके बाद ही रैपिड रेल का दिल्ली से मेरठ के बीच संचालन शुरू होगा।

योजना में 88 लाख रुपये का खर्च :

देश में कोरोना संकट के बीच ही दिल्ली-मेरठ के रैपिड मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट के अपने अंतिम चरण में पहुंचने की खबर सामने आई थी। इतना ही नहीं, इस रैपिड रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने कार्यो को रफ्तार देने के लिए तैयारियां काफी जोरों पर हैं। इस योजना को पूरा करने में 88 लाख रुपये खर्च आने की जानकारी सामने आई है। ये कोई छोटी परियोजना नहीं है और बड़ी परियोजना में सुरक्षा जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिसे स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकन (इंडीपेंडेंट सेफ्टी एसेसमेंट) के नाम से भी जाना जाता है। इस जांच के द्वारा परियोजना तैयार करने वाली कंपनी को सुरक्षा जांच के समय ही योजना में होने वाली कमियों का पता चल जाता है। जिससे वह इन कमियों को दूर कर सकती है।

सुरक्षा जांच के लिए बजट :

बता दें, यह कॉरिडोर 82 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर में विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस योजना के तहत सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षा जांच कराने के लिए भी बजट बनाया गया है, जिससे यात्रियों को रैपिड रेल में बैठने से पहले सुरक्षा का प्रमाण-पत्र भी दिखाया जाए। इन सुरक्षा जांच में डिजाइन, सिविल, संचालन सहित अन्य कार्य शामिल हैं। बताते चलें, सर्टिफर कंपनी पहले किसी भी रेलवे की बड़ी परियोजनाओं की सुरक्षा जांच करती है। उसके बाद ही उनका संचालन शुरू किया जाता है।

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