राज एक्सप्रेस। भारत में कई ऐसे प्रॉडक्ट निर्मित किए जाते हैं जो अन्य देशों में नहीं मिलते और कई विदेशों में ऐसे प्रॉडक्ट होते हैं तो यहां नहीं मिलते हैं। ऐसे में भारत के अन्य देशों के साथ अच्छे रिश्ते होने के चले भारत अन्य देशों से प्रॉडक्ट का निर्यात और आयात करता है और यह आयात निर्यात बड़े कारोबारियों द्वारा किया जाता है। जिसपर भारत का वाणिज्य मंत्रालय निगरानी बनाए रहता है। वहीं, रविवार को वाणिज्य मंत्रालय ने भारत के आयात-निर्यात कारोबारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के निर्देश :
दरअसल, देश का वाणिज्य मंत्रालय ना केबल देशभर में होने वाले आयात और निर्यात की निगरानी करता है बल्कि जरूरत के अनुसार समय-समय पर नियमों में बदलाव भी करता रहता है। साथ ही आयातक-निर्यातक के लिए निर्देश भी जारी करता है। इसी कड़ी में वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि, 'ऐसे आयातक-निर्यातक जिनके कोड जनवरी, 2005 के बाद से अपडेट नहीं किए गए, आने वाले 6 अक्टूबर से निष्क्रिय कर दिए जाएंगे। यह कदम देश में वास्तविक व्यापारियों की संख्या जानने के लिए उठाया जा रहा है।'
वाणिज्य मंत्रालय का कहना :
वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि, 'आयातक-निर्यातक कोड (IEC) एक तरह का कारोबार पहचान संख्या होती है। विदेश व्यापार निदेशालय (DGFT) की ओर से जारी होने वाली इस संख्या के बिना कोई भी व्यापारी आयात अथवा निर्यात नहीं कर सकता है।' DGFT ने गत 8 अगस्त को जारी निर्देश में कहा था कि, 'सभी IEC धारकों को इसमें शामिल विवरण हर साल अप्रैल-जून में इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपडेट कराना जरूरी है। अगर किसी व्यापारी जिनका आईईसी नंबर 1 जनवरी, 2005 के बाद से अपडेट नहीं हुआ है, उसे 6 अक्टूबर से निष्क्रिय कर दिया जाएगा।'
कारोबारियों को दिया गया समय :
बताते चलें, वाणिज्य मंत्रालय ने ऐसे सभी कारोबारियों को 5 अक्टूबर तक का समय दिया है, जिससे वह अपना IEC नंबर (कोड) अपडेट करा सके। इसके अलावा जान लें कि, DGFT के स्थानीय प्राधिकरणों के पास पहले से अप्रूवल के लिए लंबित आवेदनों को इससे छूट दी जाएगी। 6 अक्टूबर के बाद IEC को दोबारा सक्रिय कराने के लिए व्यापारियों को DGFT की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अपडेट होने के बाद इसे दोबारा सक्रिय किया जा सकेगा।
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