राज एक्सप्रेस। हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) और एचडीएफसी बैंक का मर्जर 1 जुलाई से इफेक्टिव हो गया है। इसके बाद एचडीएफसी बैंक दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों की सूची में शामिल हो गया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, मर्जर इफेक्टिव होने के बाद एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप लगभग 14.09 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा, जो उसे मार्गन स्टेनले से भी बड़ा आकार दे देगा। इसके साथ ही बैंक के पास लगभग 12 करोड़ ग्राहक हो जाएंगे। बैंक अपनी शाखाओं के नेटवर्क में 8,300 से भी अधिक की बढ़ोतरी करेगा। इसके साथ ही बैंक में कर्मचारियों की संख्या 1,77,000 से अधिक हो जाएगी।
इस मर्जर के साथ ही एचडीएफसी बैंक दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों की सूची में जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड और बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प के बाद चौथे स्थान पर पहुंच जाएगा। ब्लूमबर्ग ने जून 22 में एचडीएफसी बैंक का अनुमानित मार्केट कैप 171.7 बिलियन डॉलर बताया था।
एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के विलय के तहत निवेशकों को एचडीएफसी के 25 शेयर्स के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर्स दिए जाएंगे। यानी अगर आपके पास एचडीएफसी लिमिटेड के 10 शेयर हैं तो मर्जर के तहत आपको 17 शेयर मिलेंगे। एचडीएफसी एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है, जो घर और दुकान सहित अन्य प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन उपलब्ध कराती है। वहीं एचडीएफसी बैंक में बैंक से संबंधित सारे काम होते हैं जैसे सभी तरह के लोन, अकाउंट खुलवाना या एफडी करना आदि।
सरकारी बैंकों और न्यू-एज फिनटेक कंपनियों से बढ़ते कॉम्पिटिशन के बीच इस मर्जर की जरूरत पहले से महसूस की जा रही थी। मैनेजमेंट ने इस बात पर दांव लगाया है कि विलय से बनने वाली सिंगल यूनिट की बैलेंस शीट बहुत बड़ी होगी, जिससे बाजार में होड़ करने का दमखम बढ़ेगा। यह विलय एचडीएफसी लिमिटेड के लिए ज्यादा प्रॉफिटेबल हो सकता है, क्योंकि इसका बिजनेस कम प्रॉफिटेबल है। HDFC बैंक के लिहाज से देखें तो इस विलय के बाद उसका लोन पोर्टफोलियो मजबूत होगा। वित्तीय आधार मजबूत होने से वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने प्रोडक्ट्स ऑफर कर सकेगा।
एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि यह बराबरी का विलय है। हमारा मानना है कि रेरा लागू होने, हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने, अफोर्डेबल हाउसिंग को लेकर सरकार की पहल जैसे तमाम दूसरी चीजों के कारण हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस में बड़ी तेजी आने वाली है।
दीपक पारेख ने कहा पिछले कुछ साल में बैंकों और एनबीएफसी के कई रेगुलेशन बेहतर बनाए गए हैं। इसके बाद ही एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की भूमि तैयार हुई। इससे बड़ी बैलेंस शीट को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन के इंतजाम का मौका मिला। साथ ही इकोनॉमी की क्रेडिट ग्रोथ बढ़ी। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिला और कृषि सहित सभी प्रायोरिटी सेक्टर को पहले से ज्यादा कर्ज दिया गया।
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