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8 से शुरू होगी फ्लिपकार्ट और अमेजन की मेगा सेल, ई- कामर्स कंपनियों ने 90 % तक छूट देने का किया वादा

ई-कामर्स कंपनियां आखिर इतना डिस्काउंट कैसे ऑफर करती हैं? इसके बाद उन्हें बचता क्या होगा? यह पुराना सवाल है, जो अक्सर आनलाइन उपभोक्ताओं को परेशान करता है।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डेज सेल 8 अक्टूबर से शुरू हो रही है

  • अमेजन की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल भी 8 अक्टूबर से शुरू हो रही

  • ई-कामर्स कंपनियां फेस्टिव सेल में कैसे देती हैं इतना डिस्काउन्ट?

राज एक्सप्रेस। फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डेज सेल 8 अक्टूबर से शुरू हो रही है। अमेजन की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल भी 8 अक्टूबर से ही शुरू हो रही है। ई-कामर्स कंपनियों ने सेल के दौरान ग्राहकों को 90% तक डिस्काउंट देने का दावा किया है। ऐसे में यह जिज्ञासा बहुत स्वाभाविक है कि आखिर ई-कामर्स कंपनियां इतना डिस्काउंट कैसे ऑफर करती हैं? इसके बाद उन्हें बचता क्या होगा? यह पुराना सवाल है, जो अक्सर उपभोक्ताओं को परेशान करता है। लोग अक्सर सवाल करते हैं कि कंपनियां फेस्टिव सीजन में कितनी बिक्री करती हैं और क्या ये सेल सच में ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं? या यह महज ग्राहकों को ठगने का गोरखधंधा है। आइए इसे समझने का प्रयास करते हैं।

सेल्स वॉल्यूम बढ़ाने के लिए आयोजित की जाती है सेल

आइए जानने का प्रयास करें कि फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कामर्स कंपनियां काम कैसे करती हैं? दरअसल ये कंपनियां ई-कामर्स मार्केट में मध्यस्त की तरह होती हैं। वे दुनिया के किसी हिस्से में मौजूद विक्रेताओं और ग्राहकों को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से जोड़ती हैं। ये कंपनियां वेंडर्स को अपनी वेबसाइट के जरिए सामान बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं और बदले में बिक्री पर कमीशन लेती हैं। ई-कामर्स कंपनियां अपनी सेल्स वॉल्यूम बढ़ाने के लिए सेल का आयोजन करते हैं।

ग्राहकों को खींचने के लिए दिया जाता है भारी डिस्काउंट

यह वैसे ही जैसे 2016 में जियो पूरे देश में फ्री 4जी इंटरनेट दे रहा था। आपको याद होगा उस दौर में हर कोई सिम लेने के लिए लाइन में लगा दिखाई देता था। ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिए जियो ने यह रणनीति अपनाई थी। इसी तरह अमेजन-फ्लिपकार्ट भी ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए भारी डिस्काउंट देती हैं। 80-90 प्रतिशत डिस्काउंट प्लेटफॉर्म और विक्रेता दोनों साथ मिलकर देते हैं। सेल के दौरान प्लेटफॉर्म्स अपना कमीशन कम कर देते हैं। यह वैसे ही है, जैसे बड़े ब्रांड हर साल डिस्काउंट देकर पुराना स्टॉक क्लियर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अपनी ब्रांड आइडेंटिटी बनाए रखने के लिए एक लिमिट तक ही डिस्काउंट देते हैं।

वे जानते हैं ग्राहक बढ़ेगे तो लंबे समय तक होगी कमाई

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स कई प्रोडक्ट घाटे में बेचते हैं, लेकिन वे जानते हैं कि एक बार जब ग्राहक जब उनके उत्पाद को पसंद करने लगेंगे तो वे लंबे समय तक कंपनी को लाभ देंगे। सेल के दौरान यह लाभ होता है कि विक्रेता कंपनियों की बिक्री बढ़ जाती है। बिक्री बढ़ने की वजह से कम मार्जिक के बाद भी अच्छी कमाई करने में उलझ जाती हैं। यही वजह है कि कंपनियां मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, एसी जैसी चीजें भारी डिस्काउंट पर बेचने के लिए अक्सर सेल लगाती हैं। इस साल त्योहारी सीजन में देश के ई-कॉमर्स सेक्टर की ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) पिछले साल के 76,000 करोड़ के मुकाबले 18-20 फीसदी वृद्धि के साथ 90,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। इस साल की सेल में 14 करोड़ से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। स्वाभाविक रूप से सेल से ग्राहकों को भी यह फायदा होता है कि उन्हें उचित मूल्य पर जरूरी चीजें मिल जाती हैं।

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