राज एक्सप्रेस। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। कंपनी अपने टॉप परफॉर्मिंग कर्मचारियों को 12 से 15 फीसदी तक सैलरी हाइक दे सकती है। टाटा समूह की इस कंपनी को उम्मीद है कि इस कदम से नौकरी छोड़ने या बदलने वाले कर्मचारियों की संख्या में कमी आएगी। अभी कंपनी में एट्रिशन रेट 20 फीसदी है, जो इस वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में घटकर 13 से 14 प्रतिशत रह सकता है। इसके साथ ही कंपनी कैंपस रिक्रूट्स के लिए भी बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि अगर टीसीएस ऐसा करती है, तो आईटी सेक्टर की दूसरी कंपनियों को भी ऐसी ही पहल के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में आईटी सेक्टर में नौकरियों की संख्या कम हो रही है लेकिन इसके बाद भी टीसीएस ने पिछले वित्तवर्ष में कैंपस से 44,000 भर्तियां की थीं। इस साल भी कंपनी की योजना कैंपस से 40,000 युवाओं को भर्ती करने की है। टीसीएस ने इस साल के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उन्हें ज्यादा, उत्साही और कुशल वर्कफोर्स चाहिए। इसी लिए कंपनी ने, वैश्विक बाजार की उथल-पुथल के बावजूद, नई भर्तियां जारी रखी हैं। टीसीएस के चीफ ह्यूमन रिसोर्सेज ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने कहा कंपनी अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को 12 से 15 फीसदी सैलरी हाइक देने पर विचार कर रही है। बाकी कर्मचारियों को 1.5 फीसदी से आठ फीसदी तक का इंक्रिमेंट मिल सकता है। पिछले साल कंपनी ने जूनियर लेवल पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को 11 फीसदी बोनस दिया था, जबकि सीनियर लेवल पर कम बोनस दिया गया था। इसके अलावा जनवरी-मार्च की पहली तिमाही में जूनियर एग्जीक्यूटिव्स को 100 फीसदी बोनस दिया गया था।
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में कंपनी ने 821 नए कर्मचारियों को भर्ती किया है, जबकि फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की चौथी तिमाही में यह संख्या 35,209 थी।दिसंबर तिमाही में टीसीएस में एट्रिशन रेट 21.3 फीसदी था, जो जनवरी-मार्च तिमाही में 20.1 फीसदी रह गया। इन्फोसिस में मार्च तिमाही में एट्रिशन रेट 20.9 फीसदी था जो दिसंबर तिमाही में 24.3 फीसदी था। विप्रो और एससीएल टेक्नोलॉजीज ने अब तक अपने तिमाही नतीजे घोषित नहीं किए हैं। विप्रो 27 अप्रैल और एचसीएल टेक्नोलॉजीज 20 अप्रैल को अपने तिमाही नतीजे घोषित करेंगी। इन्फोसिस ने गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद अपना रिजल्ट घोषित किया था। लेकिन बाजार को यह पसंद नहीं आया और सोमवार को मार्केट खुलते ही कंपनी का शेयर 12 फीसदी तक गिर गया।
इन्फोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही आईटी कंपनियों के लिए मंद रहेगी, लेकिन इसका असर और सीमा अलग-अलग कंपनियों की प्रोफाइल और रणनीति पर निर्भर करेगा। उन्होंने अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिकी बाजार में अनिश्चितता कम होने की संभावना जताते हुए कहा कि नए ऑर्डर आने में 1-2 तिमाहियों का समय लगेगा। लिहाजा, अक्टूबर-नवंबर का समय बेहतर रहने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने कहा भारतीय आईटी इंडस्ट्री अपने आकार, पैमाने और ताकत के मामले में ग्लोबल तकनीकी क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है, यह बाजार की वास्तविकताओं को दर्शाएगा। आईटी इंडस्ट्री आज 200 अरब डॉलर निर्यात के साथ एक बड़ी ताकत है और टॉप पांच भारतीय आईटी कंपनियां वैश्विक बाजार में बड़ी भूमिका रखती हैं।
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