राज एक्सप्रेस। निजी क्षेत्र की अहम विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने एयर इंडिया के पूर्व चीफ टेक्निकल ऑफिसर (सीटीओ) अरुण कश्यप को कंपनी का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) नियुक्त किया है। स्पाइसजेट ने अपने एक बयान में बताया है कि वह 12 जून 2023 को अपना नया कार्यभार संभालेंगे। एयरलाइन ने अपने बयान में बताया कि कश्यप अपनी नई जिम्मेदारी के तहत स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह को रिपोर्ट करेंगे। स्पाइसजेट में यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इसके पहले वह एयरलाइन में चीफ प्रोग्राम & ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर के रूप में काम कर चुके हैं।
स्पाइसजेट में अरुण कश्यप का यह दूसरा कार्यकाल है। इसके पहले वह एयरलाइन में चीफ प्रोग्राम & ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर के रूप में काम कर चुके हैं। कश्यप इससे पहले फ्लाइदुबई, जेट एयरवेज और ओमान एयर के साथ काम कर चुके हैं। इस नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने कहा, अरुण का स्पाइसजेट परिवार में एक बार फिर स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। सीओओ के रूप में एयरलाइन के ग्रोथ में उनकी अहम भूमिका होगी। उनके अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए मुझे भरोसा है कि वह अपनी नई जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ है।
भीषण वित्तीय संकट में फंसे क्रेडिट स्विस ने हाल ही में स्पाइसजेट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें क्रेडिट स्विस ने स्पाइसजेट पर बकाया भुगतान के लिए अदालत द्वारा मंजूर सेटलमेंट प्लान का पालन नहीं करने को लेकर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया है। हालांकि स्पाइसजेट ने 21 अप्रैल को शीर्ष अदालत को बताया कि वह उसी दिन और इसके बाद मई में एक किश्त का भुगतान करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका पर रोक लगा दी है और अब 17 मई को मामले की सुनवाई होगी। पिछले साल स्पाइसजेट और क्रेडिट स्विस ने भुगतान विवाद पर समझौता किया था। यह विवाद स्पाइसजेट द्वारा स्विट्जरलैंड स्थित एसआर टेक्निक्स को बकाये का भुगतान न करने पर हुआ, जो एयरलाइनों के लिए विमानों का रखरखाव और मरम्मत करती है। स्पाइसजेट ने 2 करोड़ डॉलर के बकाये का भुगतान नहीं किया था।
भारतीय विमानन कंपनियों के जरिये मार्च 2023 में 12.8 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी, जो सालाना आधार पर 21.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाती है। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी ने अपनी देसी बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 55.7 फीसदी पर पहुंचा दी, जो वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में 53.8 फीसदी रही थी। यह जानकारी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तरफ से जारी आंकड़ों से मिली। वित्तीय परेशानी का सामना कर रही स्पाइसजेट ने बाजार हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की और उसकी हिस्सेदारी 10.2 फीसदी से घटकर 6.9 फीसदी रह गई। प्रैट ऐंड व्हिटनी की तरफ से इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण गो फर्स्ट के आधे विमान खड़े हैं। ऐसे में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 9.8 फीसदी से घटकर 7.8 फीसदी रह गई। उधर, टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 9.9 फीसदी से घटकर 9 फीसदी रह गई। जबकि समूह की एक अन्य विमानन कंपनी एयरएशिया इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 5.8 फीसदी से बढ़कर 7.3 फीसदी पर पहुंच गई।
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