राज एक्सप्रेसथ। ग्लोबल मार्केट से मिलेजुले संकेत मिलने का असर आज सप्ताह के पहले दिन सोमवार को शेयर बाजार के कारोबार में साफ दिखाई दिया। इस समय NSE का NIFTY-50 इस समय 179.95 अंकों की गिरावट के साथ 16918.85 अंक पर ट्रेड कर रहा है। जबकि, सेंसेक्स 635.37 अंकों यानी 1.10 फीसदी की गिरावट के साथ 57360.56 अंकों पर ट्रेड कर रहा है। गिरावट की यह काली छाया केवल भारतीय शेयर बाजारों तक ही सीमित नहीं है। SGX NIFTY में 70 अंकों की गिरावट देखने को मिली है। जबकि, क्रेडिट सुईस संकट सुलझने से डाओ फ्यूचर्स में 200 प्वाइंट की तेजी आई है। हालांकि शुक्रवार को बैंकिंग संकट की चिंता से अमेरिकी शेयर बाजार में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही थी। भारत में आज के शुरुआती कारोबार में डाक्टर रेड्डीज, डीवीज लैब, हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (एचयूएल), टाइटन और बीपीसीएल के शेयर आज के शुरुआती सत्र में हरे निशान में दिख रहे हैं, जबकि अडाणी इंटरप्राइजेज, हिंडाल्को, इंफोसिस, टीसीएस और इंडसइंड बैंक के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
निफ्टी ने शुरुआती सत्र में ही शुक्रवार का निचला स्तर तोड़ दिया है और बाजार में गिरावट की घबराहट बढ़ गई है। निफ्टी शुक्रवार के निचले स्तर 16958 के भी नीचे फिसल गया है। बांबे स्टाक एक्सचेंज के सभी सेक्टर इंडेक्स में बिकवाली देखने को मिल रही है। पावर, आईटी और मेटल इंडेक्स एक फीसदी से ज्यादा नीचे गिर गए हैं। आज के ट्रेड में निफ्टी में 16900 पर सपोर्ट जोन बन रहा है। जबकि स्ट्रांग रजिस्टेंस 17300 जोन में स्थित दिखाई दे रहा है। आज के कारोबार में मेटल के स्टाक्स पर मुख्य रूप से फोकस रहने वाला है, क्योंकि चीन के केंद्रीय बैंक ने आर्थिक विकास को गति देने के लिए कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। कल्पतरु मल्टीप्लायर्स के आदित्य मनिया जैन के अनुसार इस खबर का भारतीय शेयर बाजार में मेटल से जुड़े शेयरों में पाजिटिव असर दिख सकता है। ब्लिस 20 मार्च के शुरुआती कारोबार में ब्लिस जीवीएस फार्मा के शेयरों में गिरावट आई है। कंपनी को यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) से 3 ऑब्जर्वेशन मिले हैं। कंपनी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक यूएस एफडीए ने सोमवार 13 मार्च, 2023 से शुक्रवार 17 मार्च, 2023 तक महाराष्ट्र के पालघर में स्थित ब्लिस जीवीएस फार्मा की उत्पादन इकाई में पूर्व-अप्रूवल निरीक्षण (पीएआई) और गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) निरीक्षण किया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट से वित्तीय संकट से पैदा हुई आशंकाएं सरकारों और केंद्रीय बैंकों की त्वरित प्रतिक्रिया से काफी हद तक नियंत्रित होती दिख रही हैं। 2008 के वैश्विक संकट से मिली बड़ी सीख यह है कि बड़े वित्तीय संस्थानों की विफलता से प्रणालीगत मुद्दे पैदा होंगे जो वित्तीय संक्रमण और अंततः मंदी की ओर ले जाएंगे। इससे सीख लेते हुए, इस बार एक ठोस पहल की गई है-यूबीएस द्वारा क्रेडिट सुइस की खरीद वित्तीय संकट रोकने में सहायक साबित होगी। यही वजह है कि अमेरिका में 25 का अस्थिरता सूचकांक 2008 की तरह किसी भी घबराहट का संकेत नहीं देता है। हालांकि, निवेशकों को कोई भी निर्णय स्थिरता की प्रतीक्षा करते हुए ही लेना चाहिए। व्यापार घाटे में कमी और ब्रेंट क्रूड में 73 डॉलर की बड़ी गिरावट से भारत के मैक्रोज़ को बढ़ावा बाजार के दृष्टिकोण से सकारात्मक है।
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