राज एक्सप्रेस। आज पूरे देश में परेशानी का केवल एक ही बड़ा कारण है ओर वो है महंगाई हालांकि, महंगाई के बढ़ने के यूक्रेन-रूस का युद्ध और पिछले साल से ही पैर पसरता हुआ कोरोना जैसे कई कारण हो सकते हैं। इन सब का सीधा असर दुनिया भर के शेयर मार्केट पर पड़ता है, जिससे रूपये में गिरावट देखने को मिलने लगती है। शेयर मार्केट (Share Market) में गिरावट का यह दौर अब भी जारी है और इसी के चलते भारत के रूपये में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
रुपये में ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है :
बताते चलें, भारतीय रूपये में जारी गिरावट अब तक जारी है और गिरावट का यह दौर बीते काफी समय से देखने को मिल रहा है। इसी का असर है कि, सोमवार को रुपया डॉलर की तुलना में अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। सप्ताह के पहले दिन भारतीय रुपया 32 पैसे कमजोर होकर लगभग 82.69 डॉलर प्रति डॉलर के निचले स्तर पर आ पहुंचा। यदि इसकी तुलना अमेरिकी डॉलर से की जाए तो रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इंट्रा-डे में यह अब तक का सबसे निचला स्तर बताया जा रहा है। बता दें, भारतीय मुद्रा को विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की शक्ति और निरंतर विदेशी फंड के आउटफ्लो से तौला जाता है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से रुपया फिसल गया है।
डॉलर की तुलना में रूपये की कीमत :
भारतीय रूपये की कीमत सोमवार की सुबह से ही कुछ खास नही हुई। उधर इंटर-बैंक फॉरेन एक्सचेंज बाजार में डॉलर की तुलना में रुपया भारी गिरावट के साथ 82.68 पर खुला जबकि, दिन चढ़ते ही इसकी कीमत 82.69 तक गिर गई। इसी के साथ यह सोमवार को कारोबार का सबसे निचला स्तर दर्ज हुआ। फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, रिजर्व बैंक के चलते रूपये में गिरावट पर ब्रेक लगा और यह 82.34 पर बंद हुआ। वहीं, सोमवार को बाजार बंद होते समय रूपये की कीमत शुक्रवार की तुलना में 4 पैसे कम रही। शुक्रवार को डॉलर की तुलना में रूपये की कीमत 13 पैसे गिरकर 82.30 पर बंद हुई।
रिसर्च एनालिस्ट का कहना है :
एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि, 'सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट के बाद रुपया सिर्फ रिजर्व बैंक के दखल देने के वजह से ही नहीं संभला, इसके साथ ही कॉरपोरेट्स फंड्स के इनफ्लो और कच्चे तेल की कीमतों में नर्मी ने भी भारतीय करेंसी को सहारा दिया है। हालांकि रुपये में गिरावट का ट्रेंड आगे भी जारी रहने की आशंका है। डॉलर-रुपये के कारोबार में फिलहाल नियर टर्म में 82.90 के स्तर पर रेजिस्टेंस देखने को मिल रहा है, जबकि 81.95 के स्तर पर सपोर्ट बना हुआ है।'
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