हाईलाइट्स –
क्रिप्टोकरेंसी पर थी असमंजस
RBI के स्पष्टीकरण से स्थिति साफ
पुराने आदेश का हवाला नहीं दे सकते : RBI
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कल स्पष्ट किया कि बैंक और अन्य संस्थाएं आभासी मुद्राओं पर अपने 2018 के आदेश का हवाला नहीं दे सकती हैं क्योंकि इसे 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अलग रखा गया है।
स्पष्टीकरण से राहत -
केंद्रीय बैंक का स्पष्टीकरण भारत में उन सभी निवेशकों और क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए राहत का संकेत है, जिन्होंने आभासी मुद्राओं (virtual currencies) में निवेश किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला -
RBI ने एक अधिसूचना में बताया, "मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से हमारे ध्यान में आया है कि कुछ बैंकों/विनियमित संस्थाओं ने अपने ग्राहकों को 06 अप्रैल 2018 के RBI के परिपत्र DBR.No.BP.BC.104/08.13.102/2017-18 का संदर्भ देकर आभासी मुद्राओं में लेनदेन के प्रति आगाह किया है।"
"बैंकों/विनियमित संस्थाओं द्वारा उपरोक्त परिपत्र के इस तरह के संदर्भ क्रम में नहीं हैं क्योंकि इस परिपत्र को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को 2018 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 528 (इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के मामले में अलग रखा गया था।"
सेंट्रल बैंक के मुताबिक, “बैंक, साथ ही अन्य संस्थाएं, अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी/KYC), एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल/AML) के मानकों को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप ग्राहक की उचित परिश्रम प्रक्रियाओं, विदेशी प्रेषण के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के अलावा धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए/PMLA), 2002 के तहत आतंकवाद के वित्त पोषण (सीएफटी/CFT) और विनियमित संस्थाओं के दायित्वों के मुकाबले को जारी रख सकती हैं।“
नए निर्देश के मायने -
नवीनतम निर्देश उन कुछ बैंकों और विनियमित संस्थाओं की पृष्ठभूमि के खिलाफ है जो परिपत्र का हवाला देकर ग्राहकों को वर्चुअल करेंसी के लेनदेन के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं।
इस दिन, इनके नाम -
सोमवार को जारी किया गया यह सर्कुलर सभी वाणिज्यिक और सहकारी बैंकों, भुगतान बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, एनबीएफसी और भुगतान प्रणाली प्रदाताओं को संबोधित है।
एक तरह से इनको नसीहत -
लेंडर्स के ईमेल के अनुसार इससे पहले एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई/SBI) ने अपने ग्राहकों को बिटकॉइन जैसी आभासी मुद्राओं में लेनदेन के प्रति आगाह किया था।
नियामकों को संशय -
निजी डिजिटल मुद्राएं (digital currencies)/आभासी मुद्राएं (virtual currencies)/क्रिप्टो करेंसी (crypto currencies) ने हाल के वर्षों में काफी लोकप्रियता हासिल की है।
जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में, नियामकों और सरकारों को इन मुद्राओं के बारे में संदेह है। साथ ही इससे जुड़े जोखिमों के बारे में भी वे आशंकित हैं। आरबीआई (RBI) ने जनवरी 2021 में जारी भुगतान प्रणाली (Payment Systems) पर अपनी पुस्तिका में उल्लेखित किया था।
अधिक पढ़ने के लिए शीर्षक को स्पर्श/क्लिक करें –
क्रिप्टोकरेंसी सरकारों के लिए सिरदर्द तो डिजिटल कैश की लोकप्रियता भी समस्या
केंद्र को RBI सरप्लस ट्रांसफर से अर्थव्यवस्था और बाजार पर पड़ेगा कैसा असर?
RBI ने बुलेटिन में यूं बताया COVID का U-shaped इम्पेक्ट, बताई अपनी तैयारी
डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।