राज एक्सप्रेस। रिलायंस समूह ने अपने कारोबार के विस्तार के क्रम में पेप्सी, कोका कोला और स्प्राइट के अधिपत्य वाले लगभग 74 हजार करोड़ रुपये के सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। मुकेश अंबानी चाहते हैं कि इस मार्केट में रिलायंस की मोनोपॉली बनें और विदेशी ब्रांड्स को पछाड़कर कैंपा को फिर से नंबर एक बनाया जाए। रिलायंस ने 2022 में प्योर ड्रिंक ग्रुप से कैंपाकोला की डील 22 करोड़ रुपये में की थी। रिलायंस समूह की रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट ने होली के बाद 50 साल पुराने इस प्रतिष्ठित बेवरेज ब्रांड कैंपा कोला को ऑरेंज, लेमन और कोला फ्लेवर में पेश कर बाजार में अधिक हिस्सेदारी का दावा पेश किया है। कैंपा कोला के नए कलेवर में आने के बाद से भारतीय साफ्ट ड्रिंक बाजार में प्राइज वार छिड़ गया है। कोका कोला ने अपने अपने उत्पाद की कीमतें घटा दी हैं। पेप्सी और स्प्राइट भी बाजार में अपनी जगह बनाए रखने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने 2022 में प्योर ड्रिंक ग्रुप से कैंपा कोला की डील 22 करोड़ रुपए में की थी। इस सौदे के बाद पहले दिवाली पर प्रोडक्ट लॉन्च की योजना थी, लेकिन बाद में यह होली 2023 तक के लिए टाल दिया गया था। कंपनी ने पिछले दिनों ही 50 साल पुराने इस प्रतिष्ठित बेवरेज ब्रांड कैंपा कोला को ऑरेंज, लेमन और कोला फ्लेवर में पेश कर पेप्सी, कोला-कोला और स्प्राइट को सीधी चुनौती दी है। इसकी टक्कर मार्केट में उथल-पुथल शुरू हो गई है। कैंपा कोला की बाजार में एंट्री की आहट मिलते ही पेप्सी, कोका-कोला और स्प्राइट ने अपने उत्पादों के दाम घटा दिए हैं।
रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट ने जब से कैंपा कोला के तीन फ्लेवर लॉन्च किए हैं, उसके बाद से कोला मार्केट में पहले से मौजूद दूसरी कंपनियां सतर्क हो गई हैं और उन्होंने इस संभाव्य चुनौती से मुकाबले की तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में कोका कोला ने अपने दाम घटा दिए हैं। तापमान बढ़ने के साथ-साथ अब सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में हलचल शुरू हो गई है। कोका-कोला ने खासतौर पर ऐसे राज्यों में अपने प्रोडक्ट की कीमतों में कटौती करने का फैसला किया है, जहां सबसे कम स्टॉक रखा जाता है। कंपनी ने 200 मिलीलीटर बोतल की कीमत में 5 रुपए की कटौती की है।
कोका-कोला कंपनी के दाम घटाने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 200 एमएल की जो बोतल 15 रुपए में आती थी, वह अब 10 रुपए में मिलेगी। इसके साथ ही कोका कोला की कांच की बोतलों को रखने के लिए खुदरा विक्रेताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली क्रेट डिपॉजिट को भी अब माफ कर दिया है, जो आमतौर पर 50 रुपये से 100 रुपये के बीच होता है।
गौरतलब है कि कैंपा कोला स्पार्कलिंग बेवरेज कैटेगरी में भारत का अपना ब्रांड है। प्योर ड्रिंक ग्रुप 1949 से 1970 के दशक तक भारत में कोका-कोला का एकमात्र डिस्ट्रीब्यूटर था। इसके बाद कोका-कोला के देश से बाहर निकलने के बाद प्योर ड्रिंक्स ने अपना स्वयं का ब्रांड कैंपा कोला लॉन्च किया। कैंपा कोला जल्दी ही इस सेक्टर का टॉप ब्रांड बन गया। इसकी टैग लाइन 'द ग्रेट इंडियन टेस्ट' को लोग अब तक नहीं भूले हैं। इस उत्पाद ने एक बार फिर नए कलेवर में साफ्ट बाजार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, तो बाजार में पहले से मौजूद कंपनियों में हचल मच गई है।
देश में सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट कैप लगातार बड़ा होता जा रहा है। मौजूदा समय में इसका साइज करीब 74 हजार करोड़ यानी 9 बिलियन डॉलर का है। इस बाजार से 2023 में करीब 9 अरब डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट करने का अनुमान लगाया गया है। जिसके साल 2027 तक 5.40 फीसदी ग्रोथ के साथ बढऩे का अनुमान है. इंडियन काउंसिल फॅार रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस के अनुसार इसका मार्केट 2030 तक की 17 अरब डॉलर से ज्यादा होने का अनुमान है।
पेप्सी की 2022 यानी जनवरी से लेकर दिसंबर तक भारत के सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में 34.31 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है। जबकि कोका कोला की बात करें तो इस साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार कोक के लिए भारत 2022 में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा बाजार बन गया है। नेल्सन के आंकड़ों के अनुसार कोका कोला इंडिया का मार्केट शेयर 56.7 फीसदी, जबकि पेप्सी का 34.1 फीसदी।
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