मुंबई। दुनिया के केंद्रीय बैंकों की ब्याज दर में आगे भी बढ़ोतरी करने की आशंका से बीते सप्ताह ढाई फीसदी से अधिक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ ही स्थानीय स्तर पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और फरवरी की वाहन बिक्री के जारी होने वाले आंकड़ों का असर रहेगा।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1538.64 अंक अर्थात 2.52 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 60 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 59463.93 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 478.4 अंक यानी 2.7 प्रतिशत की बड़ी गिरावट लेकर 17465.80 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर बिकवाली हुई। इससे सप्ताहांत पर मिडकैप 506.47 अंक यानी 2.1 प्रतिशत लुढ़ककर 24178.73 अंक और स्मॉलकैप 461.81 अंक अर्थात 1.65 प्रतिशत टूटकर 27584.59 अंक पर आ गया।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, पिछले सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी लगातार छठे दिन गिरते हुए सप्ताहांत पर ढाई प्रतिशत से अधिक की गिरावट पर रहा। बाजार पहले से ही उच्च स्तर पर जाने के लिए संघर्ष कर रहा था और अब अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उछाल के कारण वैश्विक बाजारों में बिकवाली सेंसेक्स-निफ्टी के लिए बाधक बनी रही।
घरेलू शेयर बाजार निकट अवधि में अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर सूचकांक की गति के साथ-साथ वैश्विक बाजारों की दिशा पर नजर रखेगा, क्योंकि वर्ष 2023 की पहली छमाही में अमेरिका में ब्याज दर एक प्रमुख कारक बना रहेगा। वर्तमान में बाजार भू-राजनीतिक स्थिति पर अधिक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है।
स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह 28 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिसका बाजार पर स्पष्ट असर देखा जा सकेगा। इसके साथ ही अगले सप्ताह फरवरी की वाहन बिक्री के आंकड़े भी आने वाले हैं। बाजार को दिशा देने में इसकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
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