मई 2007 में हुआ था बीएसई की कंपनियों का 1 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप।
इसके 10 साल बाद जुलाई 2017 में मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
इसके बाद मई 2021 में बीएसई का मार्केट कैप 3 ट्रिलियन डॉलर हो गया था।
आज ऐतिहासिक प्रदर्शन ने मार्केट ने 4 ट्रिलियन डॉलर सीमा को छू लिया है।
आज की तेजी के साथ ही देश की जीड़ीपी से ज्यादा हुआ बीएसई का मार्केट कैप।
राज एक्सप्रेस। भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार 29 नवंबर को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब पहली बार इसकी बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर की सीमा रेखा को पार कर गया। ऐसे समय में जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था उच्च मुद्रास्फीति और मंदी के संकट जूझ रही है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत और स्थिर गति से आगे बढ़ रही है। कई वैश्विक एजेंसियों और ब्रोकरेज फर्मों ने भारत के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के जीडीपी अनुमान को बढ़ाया है और अपने मॉडल पोर्टफोलियो में भारत को प्रमुखता दी है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के 2023-24 में 7.2 प्रतिशत के सर्वोच्च विकास दर हासिल करने की उम्मीद है, जो इसे दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता बनाती है। इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय मजबूत घरेलू मांग, तेजी से बढ़ते निर्यात और सरकार की महत्वाकांक्षी पूंजीगत व्यय योजना को जाता है। भारत में तेजी से बढ़ते निवेश का एक प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों का विश्वास है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए भारतीय बाजारों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।
भारतीय सरकार के हालिया सुधारों ने भी निवेशकों को आकर्षित करने और भारत को एक और अधिक अनुकूल निवेश गंतव्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कॉर्पोरेट करों में कटौती, स्टार्टअप्स के लिए सरल नियमावली और विदेशी निवेश के प्रति अधिक खुलापन जैसे सुधारों ने भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना दिया है। माना जा रहा है कि भारतीय शेयर बाजार आने वाले समय में और भी मजबूती के साथ प्रदर्शन करेगा और देश की अर्थव्यवस्था को एक नए शिखर पर ले जाएगा।
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