राज एक्सप्रेस। भारत से भगोड़ा घोषित किए गए किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या का नाम एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में माल्या की अवमानना मामले में पुनर्विचार के लिए दायर की गई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी। वहीं, अब माल्या की कंपनी 'यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड' की तरफ से भारतीय बैंको को बकाया रकम देने की पेशकश की गई है। इस बारे में जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दे दी गई है।
विजय माल्या की कंपनी की पेशकश :
दरअसल, कोरोना संकट के बीच विजय माल्या की कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड ने भारत के बैंको के सामने एक ऑफर की पेशकश की है। इस ऑफर के तहत माल्या की कंपनी भारत के विभिन्न बैंकों से लिए गए कर्ज की बकाया 14 हजार करोड़ रूपए की राशि का भुगतान करने की बात की है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी माल्या की कंपनी के वकील ने दी।
कंपनी के वकील ने बताया :
जानकारी देते हुए कंपनी की दलील पेश करने वाले वकील सीएस वैद्यनाथन ने जस्टिस यूयू ललित, विनीत सरन और आर रवींद्र भट की खंडपीठ के सामने बताया है कि, 'कंपनी को बैंकों का जवाब मिल चुका है। कंपनी की कुल संपत्ति उस पर बकाया कर्ज से ज्यादा है। इसलिए कंपनी को अपना कामकाज समेटने के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता है।'
माल्या की संपत्ति :
वकील ने आगे कहा कि, साल 2009 से अभी तक वास्तव में उनकी संपत्ति ED द्वारा जब्त नहीं कर पाई है। गारंटर तो याचिकाकर्ता है, लेकिन कर्ज तो किंगफिशर और अन्य ने लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माल्या की कई संपत्तियों को जब्त कर लिया है, इसीलिए इन संपत्तियों को बैंकों को भी नहीं सौंपा जा सकता है। माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, विजय माल्या पर बकाया राशि 6,203 करोड़ रुपये है, लेकिन उन्होंने इसके बदले में जो कीमत बैंकों को देने की बात कही है वह 14 हजार करोड़ रुपये है। जबकि धन की उगाही केवल 430 करोड़ रुपये की ही हो पाई है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।