Madras High Court fined Patanjali and Divya Yoga Trust Priyanka Sahu -RE
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मद्रास हाई कोर्ट ने लगाया पतंजलि और दिव्य योग ट्रस्ट पर जुर्माना

बाबा राम देव की 'कोरोनिल' दवा एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि, इस दवा के चक्कर में पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर मद्रास हाई कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। इसी साल जून में योग गुरु बाबा राम देव की कंपनी पतंजलि ने कोरोना की दवा के नाम पर 'कोरोनिल' का निर्माण किया था। हालांकि, बाद में इस दवा को लेकर विवाद उठे और आयुष मंत्रालय ने इस एक जुलाई को ख़ारिज कर दिया। तब कोरोना की दवाई न होने की बात सामने आई थी। वहीं, अब बाबा राम देव की यही दवा एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि, इस दवा के चक्कर में पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर मद्रास हाई कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

मद्रास हाई कोर्ट ने क्यों लगाया जुर्माना :

दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट द्वारा पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगते हुए कंपनी पर कोरोना के चलते देश में फेल रहे डर का फायदा उठाते हुए दवाई बेचने का इल्जाम भी लगाया है। मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने पतंजलि के खिलाफ गुरुवार को आदेश जारी किए। कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही 'कोरोनिल' ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने पर पूर्णतः रोक लगाने का भी ऐलान किया है।

मद्रास हाई कोर्ट का कहना :

मद्रास हाई कोर्ट का कहना है कि, बारे रामदेव की कंपनी कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए डर के चलते डरे हुए लोगों का फायदा उठा रही है। कोरोना के इलाज का नाम ले लेकर जनता को सर्दी, खांसी और बुखार के लिए इम्यूनिटी बूस्टर बेच कर पैसा कमा रही हैं। साथ ही कोर्ट ने इस कोरोना जैसे संकट काल में लोगों की नि:स्वार्थ भाव से मदद करने वाली संस्थाओं को पतंजलि पर लगाए गए जुर्माने की राशि देने के निर्देश भी दिए है।

इन संस्थाओं को मिलेगी राशि :

बता दें, इस प्रकार की दो संस्था हैं जो लोगों का फ्री में इलाज कर रही हैं। उनमें अरूद्रा कैंसर इंस्टीट्यूट और गवर्नमेंट योग एंड नेचुरोपैथी मेडिकल कॉलेज शामिल है। पतंजलि कंपनी से वसूली गई 10 लाख की राशि में से इन दोनों संस्थानों को 5-5 लाख रुपये दिए जाएंगे। कोर्ट ने दोनों संस्थाओं को 21 अगस्त तक पैसों का भुगतान करने के निर्देश दिए है और 25 अगस्त तक हाई कोर्ट के समक्ष इससे संबंधित रजिस्ट्री फाइल पेश करने को कहा।

'कोरोनिल' के इस्तेमाल पर रोक :

बताते चलें, पतंजलि कंपनी को ट्रेडमार्क 'कोरोनिल' के इस्तेमाल पर पहले ही रोक लगा दी गई थी। जो कि, चेन्नई की कंपनी अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की अर्जी पर कोर्ट के आदेश पर लगाई गई थी। अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड का कहना था कि, पतंजलि ने 1993 में 'कोरोनिल-213 एसपीएल' और 'कोरोनिल -92बी' का पंजीकरण कराया था और वह तब से उसका नवीकरण करा रही है।

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