लोकसभा चुनाव के पहले सरकार देना चाहती है बढ़े हुए डीए का लाभ
किया जा रहा कर्मियों का डीए केंद्रीय कर्मियों के बराबर करने का प्रयास
राज्य सरकार 2025 तक डीए बढ़ाकर 14% करने की तैयारी में जुटी
राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश सरकार फरवरी में राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 7 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। सरकार ने महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए वित्तवर्ष 2024-25 में धन का अतिरिक्त प्रबंध किया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय के पास भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। इस अनुभव से सबक लेते हुए माना जा रहा है कि राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के पहले अपने 7.7 लाख से अधिक कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर अपने पाले में लाने का प्रयास करने जा रही है।
बता दें कि सरकार 2025 तक राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता, केंद्र सरकार के अनुरूप लाने के क्रम में 14 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के 7.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को इस समय 42 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते से 4 फीसदी कम है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए राज्य सरकार 2025 तक 14 फीसदी डीए बढ़ाने पर विचार कर रही है। 14 फीसदी डीए मिलने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान 56 फीसदी हो जाएगा।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री सचिवालय के पास भेज दिया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने की वजह से अक्टूबर 2023 में आचार संहिता लागू हो गई थी। इसकी वजह से राज्य में 1 जुलाई 2023 से बकाया 4 फीसदी महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया जा सका था। बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान करने के लिए सूबे के खजाने पर 160 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है। इसके साथ ही यदि एरियर का भी भुगतान किया जाता है, तो राज्य के खजाने पर 1280 करोड़ रुपए का आतिरिक्त भार पड़ेगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने 7 से 8 फीसदी डीए बढ़ाने का फैसला फरवरी महीने में लाए जाने वाले लेखानुदान के आधार पर किया है। माना जा रहा है कि लेखानुदान करीब 1.30 लाख करोड़ रुपए का होगा। बता दें कि लेखानुदान का अनुमान 1 अप्रैल 2023 से 30 नवंबर 2023 के बीच हुई आय के आधार पर तैयार किया है। इस लेखानुदान के तहत वित्त विभाग ने एक अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए खर्चों की व्यवस्था की है। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सात जुलाई से शुरू होकर 19 फरवरी तक चलेगा। बजट सत्र की तिथियां घोषित होने के साथ ही लेखानुदान के आकार और प्रावधानों पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। राज्य सरकार लोकसभा चुनाव से पहले बढ़े हुए महंगाई भत्ते की राशि जारी कर सकती है, ताकि इसका लाभ लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रतिनिधियों को मिल सके।
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