राज एक्सप्रेस। जीवन के प्रायः सभी क्षेत्रों में आजकल लड़कियां अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। पहले व्यापार केवल पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था, लेकिन देश के कई कारोबारी घरानों की बेटियों ने अपने पिता के कारोबार की कमान संभाल रखी है। इनमें से कई ने, परंपरागत रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र न केवल जगह बनाई बल्कि कईयों ने तो अपनी काबिलियत से बेहद कम उम्र में अनेक दिग्गजों को कारोबारी रणनीतियों में मात दी है। एशिया के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी हों या फ्यूचर समूह के किशोर बियानी की बेटी अश्नी बियानी, वे अपनी प्रतिभा से अपने पारिवारिक कारोबारी साम्राज्य को आगे बढ़ा रही हैं और दूर-दूर तक कोई उन्हें चुनौती देता नहीं दिखाई देता।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी को बहुत कल्पनाशील माना जाता है। वह जब अमेरिका में पढ़ रही थीं, तभी उन्होंने रिलायंस जियो को भारत में स्थापित करने की योजना बनाई थी। उनका यह ब्रेन चाइल्ड आज देश के संचार सेगमेंट में मार्केट लीडर है। ईशा अंबानी इन दिनों अपने रिटेल बिजनेस के विस्तार में लगी हुई हैं। ईशा मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की बेटी हैं। वह अपने दो भाइयों के बीच अकेली लड़की हैं। महज 23 साल की उम्र में उन्होंने रिलायंस का कारोबार संभालने में पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। ईशा अंबानी की निगरानी में ही अप्रैल 2016 में एजियो की लॉन्चिंग हुई थी, जो रिलायंस समूह का मल्टी ब्रांड ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है और वेस्टर्न व ट्रेडिशनल परिधान बेचती है।
जयंती चौहान प्रायः खबरों से दूर रहते हुए अपने काम में लगी रहती हैं। उनके पिता रमेश चौहान ने अपनी प्रतिभा से बहुत बड़ा औद्योगिक साम्राज्य खड़ा किया है, लेकिन उसे संभालने के लिए कोई बेटा नहीं होने की वजह से वह बेहद निराश थे। जयंती को शुरुआत में कारोबार में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनके पिता अकेले पड़कर निशारा के शिकार हो रहे हैं, तो उन्होंने आगे बढ़कर पिता के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। रमेश चौहान ने पिछले दिनों बिसलेरी को बेचने के लिए टाटा समूह से बात शुरू कर दी थी। लेकिन जब जयंती चौहान ने कारोबारी गतिविधियों में दिलचस्पी लेने की बात कही तो उन्होंने यह डील कैंसिल कर दी। बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान की बेटी जयंती चौहान अब अपने पिता के कारोबार को आगे बढ़ा रही हैं।
आटो कंपनी टीवीएस मोटर के चेयरमैन की बेटी डॉ लक्ष्मी वेणु को भी कारोबार बहुत भाता है। इसका कारण शायद यह रहा हो कि उन्होंने जब से होश संभाला अपने आपको बिजनेस के वातावरण में ही पाया। कारोबार की बारीकियां उन्होंने अपने माता-पिता से सीखी हैं और उन्हें प्रायोगिक भूमि पर उतरने के लिए उनके पास अवसर भी मौजूद थे। उन्होंने अपने मातापिता से बिजनेस की बारीकियां सीखीं और फिर उन्हें कारोबारी गतिविधियों में इस्तेमाल भी किया। वह इन दिनों टीवीएस की एक सहायक संपनी सुंदरम क्लेटन लिमिटेड (एससीएल) की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। लक्ष्मी वेणु एक दशक से अधिक समय से सुंदरम क्लेटन की कमान संभाल रही हैं और इस कंपनी को ग्लोबल मार्केट में फैलाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
फाल्गुनी नायर की 31 वर्षीय बेटी अद्वैता नायर फैशन रिटेल ब्रॉन्ड नायका की को-फाउंडर और सीइओ हैं। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है। अब वो नायका के कारोबार को संभाल रही हैं। आज नायका के पास 400 ब्रांड हैं और 40 शहरों में 20 वेयरहाउस और 80 स्टोर हैं। फाल्गुनी और संजय नायर की बेटी अद्वैता का काम नायका फैशन की सीईओ होने के नाते चुनौतियों से भरा है।
फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक किशोर बियानी की बेटी अश्नी बियानी ने पार्सन्स स्कूल ऑफ डिजाइन के साथ-साथ स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिजाइनिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद वह अपने पिता के कारोबार फ्यूचर ग्रुप जुड़ गई। अश्नी बियानी ने फैशन-फर्स्ट डिटर्जेंट 'वूम' लॉन्च किया था। पिछले साल उन्होंने फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड (एफसीएल) के प्रबंध निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। फ्यूचर ग्रुप के आर्थिक हालात बेहद खराब है। फ्यूचर एंटरप्राइजेज भी दिवालिया प्रक्रिया में शामिल हो गई है। कठिनाईयों के इस दौर में वह अपने पिता के साथ मिलकर अपने कारोबारी साम्राज्य को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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